चन्दन तस्करों के हौसले इस कदर बढ़े हुए हैं कि थाने चौकियों के नजदीक की बात तो छोडि़ए, जिला
कलक्टर, पुलिस महानिदेशक कार्यालय और नगरीय विकास मंत्री के घर के बीचों-बींच स्थित
जल संसाधन विभाग के मुख्यअभियंता कार्यालय से आधी रात को चन्दन के पेड़ काट ले गए।
वीवीआईपी इलाके में हुई चंदन के पेड़ काटने की वारदात ने कार्यालय और इलाके की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सावन के महीने में चंदन की खुशबू तस्करों तक ऐसी पहुंची कि एक एक कर शहर के घने और सुरक्षा कर्मियों से चौबीसों घंटे आबाद रहने वाले पार्कों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों तक पर लगे हुए पेड़ निशाने पर आ गए।
लगातार
वारदातों को आंजाम देने के बाद चंदन तस्करों ने सोमवार देर रात सिविल लाइंस स्थित मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय में लगे चंदन के पेड़ चुरा लिए। तस्कर इतने इत्मिनान से आए कि खड़े हुए पेड़ को पहले काटा और फिर उसकी लकडिय़़ों की छटाई की और टुकड़े कर आराम से चुरा कर चंपत हो गए।
सुरक्षा पर सवाल
सीबी गार्डन के बाद सिविल लाइंस इलाके में हुई चंदन के पेड़ों की चोरी ने शहर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सोमवार की रात जिस कार्यालय से चंदन के पेड़ों की चोरी हुई है इसकी सुरक्षा में रात भर गार्ड तैनात रहते हैं। वहीं मंत्री का आवास, पुलिस और प्रशासन के मुखियाओं के आवास एवं कार्यालय भी महज सौ मीटर की परिधि में स्थित हैं। जिसके चलते चौबीसों घंटे पुलिस जाप्ता यहां मुस्तैद रहता है। बावजूद इसके तस्करों ने चंदन के पेड़ों की चोरी कर सारी व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है।
चोरी से पहले पेड़ को चुनकर उस पर निशानी बना देते हैं और योजनाबद्ध तरीके से उसे काटकर आंख से सुरमे की तरह चुरा ले जाते हैं। शहर के शिवपुरी धाम में चोरों ने न केवल चंदन के पेड़ों को रैकी कर चुना, बल्कि इन पर निशान बना दिए और चौकीदार होने के बावजूद एक बार तीन व उसके दो महज दो दिन बाद ही दो और पेड़ काटकर ले गए। न्यायाधीश के सरकारी बंगले से भी चोर रैकी कर पेड़ काट ले गए।
क्रॉस का निशान चंदन के अधिकांश पेड़ आला अधिकारियों के बंगलों, वन विभाग की नर्सरियों, मंदिरों या उन्नत किसानों के खेतों में होते हैं। ऐसे में चोर दिन-रात मौके के हिसाब से इनकी रैकी करते हैं। इसके बाद चिन्हित पेड़ पर काटने से पहले बकायदा क्रॉस का निशान बनाते हैं और योजनाबद्ध तरीके से इसे काट ले जाते है।तनको गीला कर काटते हैं चंदन चोर पेड़ काटने व इसे ले जाने में बेहद शातिर होते हैं।
ये पेड़ के निचले में करीब ढाई से तीन फीट के हिस्से को ही काटते हैं। इसके लिए वे करीब तीन फीट ऊपर टाट की गीली बोरी बांधकर इसकी कटाई शुरू करते हैं। इससे आरी पर पानी जाने से काटने की आवाज नहीं आती। पेड़ के ऊपरी हिस्से को अन्य पेड़ों से बांध देते हैं। इससे पेड़ कटने के बाद भी दूर से खड़ा नजर आता है व चोरी के कई घंटों बाद तक इसका पता तक नहीं चलता।दो करोड़ का चंदन चोरी चंदन के पेड़ की बाजार में इनकी जबरदस्त मांग है।
अन्तरराष्ट्रीय बाजार में चंदन के पेड़ों की लकड़ी 15 से 30 लाख रुपए क्विंटल है। ऐसे में चोरी गए पेड़ों की कीमत करोड़ रुपए से भी अधिक हो सकती है। इससे पहले नयापुरा थानाक्षेत्र में नेहरू गार्डन के सामने स्थित पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश किशन गुर्जर के आवास से भी चोर चंदन का पेड़ चुरा ले गए थे। इसकी कीमत करोड़ रुपए के लगभग थी।
चंदन चोर गत 1 जनवरी को वीआईपी जोन में स्थित पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश के आवास से करीब एक करोड़ रुपए की कीमत का चंदन का पेड़ काट ले गए। वही 2 जुलाई 2019 को उद्योग नगर थाना क्षेत्र स्थित शिवपुरी धाम से चंदन के तीन पेड़ काट लिए। चंदन चोर तीन दिन बाद 5 जुलाई को भी शिवपुरी धाम से 2 चंदन के पेड़ काट ले गए।