विक्रम ने बताया कि परिवार बारां जिले के तिसाया गांव में रहता है। बीपीएल BPL श्रेणी में परिवार है तथा मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी पिता चौथमल गुर्जर नरेगा में मजदूरी करते हैं। इसके अलावा अन्य दिनों में दूध बेचने का काम करते हैं। मां विद्या बाई का निधन तीन साल पहले सड़क दुर्घटना में हो गया था।
विक्रम ने बताया कि दसवीं तक गांव के ही सरकारी स्कूल Government school में राजकीय माध्यमिक विद्यालय तिसाया में पढ़ा। यहां 93.50 प्रतिशत अंक हासिल किए। शिक्षकों ने प्रेरित किया तो साइंस बॉयलोजी Science biology ली और अधिक मेहनत कर डॉक्टर बनने की ठानी। बारां आकर पढ़ा और 94.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के दौरान टीचर्स और स्टाफ का जो सपोर्ट मिला वो जीवनभर याद रहेगा। यहां पढ़ाई करने में इतना मजा आता था कि समय कब बीत जाता पता ही नहीं चलता। पूरा साल हो गया और परिणाम भी अपेक्षा के अनुरूप रहे।
मैं अपने परिवार की स्थिति में सुधार करना चाहता हूं। पिता और दादी इतनी मेहनत कर मुझे पढ़ा रहे हैं। आधे कच्चे-पक्के मकान में गुजारा कर रहे हैं। पिछली बरसात rain में मकान कट भी गया था। वहीं छोटे भाई की पढ़ाई के लिए भी पापा पूरी कोशिश कर रहे हैं।
– निर्धन परिवारों की प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट Allen Carrier Institute सदैव प्रयासरत है। हर तरह से इनकी मदद की जाती है। विक्रम गुर्जर जैसे विद्यार्थी ही नए भारत की तस्वीर हैं, इनके माध्यम से ही शिक्षा का उजियारा गांव-गांव तक पहुंच रहा है। – नवीन माहेश्वरी, निदेशक, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट