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वो जाल बिछाते हैं, मगर फंसने का नहीं

locationकोटाPublished: Jan 25, 2021 08:02:22 pm

कोरोनाकाल में ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़े

वो जाल बिछाते हैं, मगर फंसने का नहीं

वो जाल बिछाते हैं, मगर फंसने का नहीं

कोटा. कोटा में सायबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोनाकाल में सायबर ठगों ने ठगी के नए पैतरे शुरू किए और लोगों को हर बार नए-नए झांसे देकर ठगी की। इस ठगी का शिकार उच्च शिक्षित वर्ग भी हो रहा है। जिले में हर माह ऑनलाइन ठगी के पन्द्रह-बीस मामले दर्ज होते हैं। हालांकि ज्यादातर पीडि़त पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं। कोरोना काल में सरकार से आर्थिक मदद दिलाने, एलपीजी सब्सिडी दिलाने, जरूरतमंदों की सेवा के नाम से संबंधित लिंक भेजकर भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। सायबर क्राइम की जांच पेचीदा होने से अधिकांश मामलों में पीडि़त को राहत भी जल्द नहीं मिल पाती।
कोचिंग छात्र से 1.41 लाख की सायबर ठगी
कोचिंग छात्र निवासी उत्तरप्रदेश के बहराइच छात्र मनीश कुमार ने एटीएम से रुपए नहीं निकलने और बैंक से मैसेज आने के बाद गूगल सर्च कर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा। उस नंबर पर मिले व्यक्ति से बात कर एनीडेस्क मोबाइल ऐप डाउनलोड किया था। ऐप डाउनलोड करते ही सायबर ठग ने उसके खाते से 1.41 लाख रुपए निकाल लिए गए।
लॉकडाउन में ईएमआई माफ का फोन आया

सायबर ठग ने हॉस्टल व्यवसायी जयराज वनवानी को बैंक प्रतिनिधि बनकर फोन किया कि तीन महीने की ईएमआई माफ कर दी गई है। ओटीपी नम्बर भेजा जा रहा है, वह बताना है। ओटीपी शेयर करते ही बैंक खातों से 56 हजार रुपए निकाल लिए गए। बाद में फोन स्विच ऑफ कर दिया। पुलिस में शिकायत दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
तबादला हो गया, एसी, फ्रिज, टीवी बेचना है
एक पीडि़त ने रिपोर्ट दी कि सेना के नाम से ठगी की है। ठग ने ऑनलाइन मैसेज डाला था, फौजी का तबादला हो गया है। सारा सामान नहीं ले जा सकते, इसलिए एलईडी, फ्रिज, एसी आदि बेचना है। ठग ने कहा कि आपको ट्रांसपोर्ट चार्ज के लिए 8 हजार रुपए भेजने है, बाकी पैसे माल आपूर्ति होने के बाद देना। पैसे जमा कराने के बाद माल नहीं आया।
सायबर एक्सपर्ट

पुलिस उपाधीक्षक विजयशंकर शर्मा का कहना है कि सायबर ठगी के नए तरह के मामले सामने आ रहे हैं। सायबर ठगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की सेवा के नाम पर, पीएम रिलीफ फण्ड के नाम पर कई तरीके से ठगी की। गूगल सर्च या सोशल मीडिया पर लुभावने लिंक मिले तो कभी भी नहीं खोलें। इन्हें खोलते ही आप सायबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। किसी को भी ओटीपी नहीं दे। किसी को भी एटीएम के नम्बर शेयर नहीं करें। एटीएम से पैसे निकालते वक्त भी सावधान रहे। कई बार ठग बातों में उलझाकर पासवर्ड पता कर लेता हैं। सोशल साइट के कस्टमर केयर नम्बरों को भी न खोलें। सायबर ठग बैंकों की हूबहू वेबसाइट बनाकर कस्टमर केयर नम्बर डाल देते हैं। एलपीजी की सब्सिडी को लेकर भी ऑनलाइन ठगी के मामले आ रहे हैं। कोटा-बारां में ऐसे मामले आए हैं। लोगों को सायबर क्राइम के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम चला रखी है। वेबिनार के जरिये भी जागरूक किया जा रहा है।
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