कोटा

BIG News: ऐसा कोई ‘सगा’ नहीं जिसे कोटा पुलिस ने ‘लूटा’ नहीं, जनता के बाद अब ‘राजस्थान सरकार’ को भी ठगा

आम तौर पर लोगों के जहन में यह बात जमी है कि ऐसा कोई सगा नहीं है जिसे पुलिस ने लूटा नहीं हो।ऐसा ही कारनामा कोटा पुलिस ने कर दिखाया। पुलिस ने ठेकेदार के साथ मिलकर राजस्थान सरकार को भी चूना लगा दिया।

कोटाJun 17, 2019 / 01:39 pm

​Zuber Khan

BIG News: ऐसा कोई ‘सगा’ नहीं जिसे कोटा पुलिस ने ‘लूटा’ नहीं, जनता के बाद अब ‘राजस्थान सरकार’ को भी ठगा

कोटा. आम तौर पर लोगों के जहन में यह बात जमी है कि ऐसा कोई सगा नहीं है जिसे पुलिस ने लूटा नहीं हो। कहते हैं पुलिस किसी की सगी नहीं होती। ऐसा ही कारनामा कोटा पुलिस ने कर दिखाया। पुलिस ने ठेकेदार के साथ मिलकर राजस्थान सरकार को भी चूना लगा दिया। दरअसल, टोइंग ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर कोटा पुलिस सरकार को जीएसटी का चूना लगा रही है। पुलिस ने पहले तो ठेकेदार को मासिक बिलों के साथ तय जीएसटी के अतरिक्त भुगतान का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया, लेकिन जब विभागीय गलती पता चली तो जीएसटी का भुगतान ही बंद कर दिया।
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इस खामी की आड़ में ठेकेदार ने भी सरकार को कर चुकाने से हाथ खड़े कर दिए। शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए नो पार्किंग में खड़े बेतरतीब वाहनों को खींचकर ट्रैफिक पुलिस के दफ्तर या थाने लाने के लिए 24 दिसंबर 2018 को टेंडर मांगे थे, लेकिन सात दिन बाद जब टेंडर खुले तो सालों से पुलिस के लिए काम कर रही फर्म राकेश महेश्वरी टोइंग एवं क्रेन सर्विस को ही ठेका मिला।
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टेंडर खुलने के बाद उपाधीक्षक यातायात कार्यालय ने ठेकेदार के साथ 50,800 रुपए मासिक की दर से दो टोइंग वैन और 61,700 रुपए मासिक की दर से दो हाइड्रोलिक क्रेनों की सप्लाई का अनुबंध करना था, लेकिन दो जनवरी को नेगोशिएन के नाम पर विभाग ने चारों वाहनों के मासिक किराए के साथ प्रचलित दरों के मुताबिक जीएसटी भी देने की हामी भर ली और आनन-फानन में इसी दिन इस बाबत वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया।
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रोका जीएसटी का भुगतान
ठेकेदार को मासिक किराए का भुगतान करने के साथ ही जीएसटी का पूरा बोझ सरकारी महकमे पर पडऩे का मामला जब यातायात समिति की बैठक में पहुंचा तो विवाद खड़ा हो गया। जिसके बाद बैकफुट पर आई कोटा पुलिस ने टेंडर निरस्त करने के बजाय ठेकेदार को जीएसटी का भुगतान बंद कर दिया। इसकी एवज में विभाग एक फीसदी टीडीएस काटकर पिछले पांच महीनों से ठेकेदार के बिलों का भुगतान करता रहा। ठेकेदार ने भी पुलिस की इस खामी का फायदा उठाया और सरकार को जीएसटी का भुगतान न करके कर चोरी शुरू कर दी।

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पोल खुली तो झाड़ा पल्ला
टोइंग ठेकेदार के बिलों का भुगतान यातायात समिति करती है और बिल पास करने की जिम्मेदारी जिला परिवहन अधिकारी और डिप्टी एसपी यातायात को दी गई है। इस महीने जब बिल भुगतान के लिए परिवहन विभाग पहुंचे तो जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ। महीनों से बिलों का भुगतान कर पुलिस विभाग के अधिकारी पोल खुलने के बाद पूरे मामले से अनजान बन गए और ठेकेदार उन्हें जिम्मेदार ठहरा कर चोरी का ठीकरा उनके सिर पर फोडऩे में जुट गया।

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अभी तक नहीं भुगतान
पुलिस ने चारों वाहनों की अनुमोदित दरों के मुताबिक हर महीने सवा दो लाख रुपए किराए के अतरिक्त प्रचलित दरों के मुताबिक जीएसटी के भुगतान का वर्क ऑर्डर जारी किया है, लेकिन ठेका मिलने के बाद से लेकर अभी तक एक भी बार जीएसटी का भुगतान नहीं किया। ऐसे में जब मुझे जीएसटी मिल ही नहीं तो मैं सरकार को कैसे दूंगा। पुलिस ने तो अभी तक वर्ष 2016-17 के मेरे टीडीएस का भी भुगतान नहीं किया है।
राकेश माहेश्वरी, ठेकेदार, टोइंग वाहन फर्म

फाइल देखकर बताऊंगा कि कहां क्या हुआ है। अभी इस मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता। नारायण लाल, डीवाईएसपी, यातायात पुलिस

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बैठक में करेंगे स्पष्ट
मेरे संज्ञान में मामला आया तो मैंने इसके बारे में पुलिस विभाग के अफसरों से जानकारी ली थी। उन्होंने टेंडर के प्रावधानों के अनुरूप ही भुगतान करने की बात कही है। ऐसे में ठेकेदार जीएसटी क्यों जमा नहीं करा रहा या सरकारी विभाग उसका भुगतान क्यों नहीं कर रहा इस मसले को यातायात समिति की अगली बैठक में स्पष्ट कर लेंगे।
संजीव दलाल, जिला परिवहन अधिकारी, कोटा

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