सड़क दुर्घटनाओं का अब होगा वैेज्ञानिक विश्लेषण
ड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से केन्द्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डाटाबेस) 'आईआरएडी' एप्लीकेशन के सफल क्रियान्वयन के लिए बुधवार को पुलिस लाईन कोटा ग्रामीण स्थित पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

कोटा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से केन्द्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डाटाबेस) 'आईआरएडी' एप्लीकेशन के सफल क्रियान्वयन के लिए बुधवार को पुलिस लाईन कोटा ग्रामीण स्थित पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कोटा ग्रामीण के सभी थानों, कार्यालयों के 43 पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण लिया।
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कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने बताया कि आईआरएडी एप्लीकेशन के माध्यम से दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण होगा, जिसमें सुरक्षा इंतजाम होने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी। यह एप्लीकेशन वेब आधिरत सूचना तकनीकी समाधान है जिसके उपयोग से पुलिस विभाग को काफी मदद मिलेगी। इस एप्लीकेशन में पुलिसकर्मी द्वारा दुर्घटना स्थल, दुर्घटना में प्रभावित व्यक्ति का नाम, पता, उम्र, वाहन नम्बर, लाईसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो तथा विडीयो अपलोड किया जाएगा। अपलोड की प्रक्रिया पूर्ण होते ही सूचना संबंधित आरटीओ-डीटीओ, स्वास्थ्य विभाग, एनएचआई व पीडब्ल्यूडी के पास पहुॅच जाएगी, जिसके आधार पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज संबंधी तैयारी अस्पताल में होगी, जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तुरन्त उपचार मिल पाएगा। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण जिला सूचना विज्ञान अइधकारी एनआईसी कोटा मुकेश झा, अतिरिक्त जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एनआईसी कोटा दीपक भाटिया, सपोर्ट इंजिनीयिर आईआरएडी कोटा दीपक शुक्ला ने दिया। इस दौरान एएसपी पारस जैन, संचित निरीक्षक पुलिस लाइन कोटा ग्रामीण अब्दुल हकीम भी उपस्थित रहे।
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