ये है ‘शुक्ला’। हाल ही में रिलीज हुई रेड चिली इंटरटेनमेंट और नेटफिलिक्स की ओटीटी रिलीज ‘क्लास ऑफ 83’ के बाद मूलत: बूंदी के ठिकरिया निवासी भूपेन्द्र जाड़ावत को अब उनके फैंस इसी नाम से जानने लगे हैं। भूपेन्द्र की 12वीं तक की स्कूलिंग कोटा में ही हुई है। हायर स्टडी के लिए जयपुर गए तो थियेटर का शौक लगा और अभिनय को ही अपनी मंजिल बना लिया।
दो-ढाई साल मुंबई में स्ट्रगल करने के दौरान एक थियेटर गु्रप बनाया रेड मार्क। चार दोस्तों ने मिलकर एक नाटक तैयार किया। उसकी कई प्रस्तुतियां भी दीं। कास्टिंग डायरेक्टर अभिमन्यु रे ने वो नाटक देखा और अगले दिन फोन आया कि ऑडिशन देने चले आओ। मराठी किरदार है। ऑडिशन देने के बाद पता चला कि नेट फिलिक्स और रेड चिलिज इंटरटेनमेंट प्रोडक्शन की मूवी है। बाद में नाम पता चला क्लास ऑफ 83 और शुक्ला का रोल मिल गया।
फैमिली के साथ रहना बहुत बड़ी बात रही। मेरी पहली मूवी को सबने साथ देखा। यह मेरे लिए बहुत खास पल रहा। युवाओं के लिए संदेश
युवा अपने लक्ष्य से दूर हैं। अभिभावकों और बच्चों में बीच गैप है। यह गैप भरने के लिए बच्चे खुद को मोबाइल, टीवी में व्यस्त कर लेते हैं, जबकि जरूरी यह है कि बच्चे खुद को पहचाने और अपने लिए लक्ष्य तय करें और उसे पाने के लिए जुट जाएं। मुझे मिली है तो उन्हें भी सफलता जरूर मिलेगी।
सिनेमाघर बंद पड़े हैं। फिल्म ओटीटी पर रिलीज हुई है? दोनों में क्या अंतर हैं?: बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक ही फंडा है इंटरटेनमेंट। चाहे वो सिनेमाघर से मिले या ओटीटी से। लॉकडाउन के दौरान घरों में स्वेच्छा से बंद रहे लाखों लोगों को ओटीटी प्लेटफार्म ने नया मनोरंजन उपलब्ध करवाया है।
फिल्म थ्रिलर है और घर के ईदगिर्द घूमती है, इसलिए डायरेक्टर को ऐसा किरदार चाहिए था, जो देखने में गंभीर लगे और रहस्यमयी हो। मेरा पुराना काम उन्होंने देखा हुआ था। बस रोल मिल गया।
सफलता तभी मिलती है, जब आप शिद्दत से उस काम को करते जाएं। अपने हुनर को निखारते रहें। कुदरत सबको मौका देती है।