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कोटा विश्वविद्यालय ने पहले मेहमानों को खिलाया था घटिया खाना अब विद्यार्थियों को परोसने जा रहा है ‘बासी कढ़ी’

locationकोटाPublished: Jun 27, 2018 12:40:46 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

लाइफ साइंस के पाठ्यक्रम को खारिज कर चुका है आरपीएससी और उच्च शिक्षा विभाग

 घटिया खाना खिलकोटा विश्वविद्यालय

पहले खिला दिया घटिया खाना अब पढ़ाएंगे भी पुराने पाठ्यक्रम

कोटा. दीक्षांत समारोह में मेहमानों को घटिया खाना खिलाकर विवाद में आया कोटा विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों को ‘बासी कढ़ी’ परोसने जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग और आरपीएससी लाइफ साइंस के जिस पाठ्यक्रम को अमान्य घोषित कर चुके हैं, विवि प्रशासन ने उसमें दाखिले के लिए आवेदन मांग लिए।
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जबकि दो साल पहले विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम को बंद करने का दावा कर जूलॉजी और बॉटनी के पाठ्यक्रम शुरू कर चुका है। कोटा विवि में एमएससी लाइफ साइंस का पाठ्यक्रम बिना संसाधनों के संचालित किया जा रहा था। वर्ष 2015 में आरपीएससी और उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भर्ती निकाली।
पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर चुके छात्रों ने भी आवदेन कर दिया, लेकिन आयोग ने इस पाठ्यक्रम को एमएससी जूलॉजी और बॉटनी के समतुल्य न मानते हुए सभी छात्रों के आवेदन रद्द कर दिए। करीब साल भर तक विवाद चलने के बाद तत्कालीन कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने जूलॉजी और बॉटनी में एमएससी शुरू कराई और लाइफ साइंस को बंद करने का दावा कर सभी छात्रों को दोनों पाठ्यक्रमों में ट्रांसफर कर दिया था।
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शैक्षणिक सत्र 2017-18 में इस पाठ्यक्रम में एक भी दाखिला नहीं लिया। इसके बावजूद प्रवेश समिति ने इस पाठ्यक्रम के लिए फिर से आवेदन मांग लिए। हालांकि आखिरी तारीख तक सिर्फ सात आवेदन ही आने के कारण नियमानुसार इस पाठ्यक्रम का संचालन नहीं हो सकेगा।

डॉ. प्रहलाद दुबे, लाइफ साइंस डिपार्टमेंट के कॉर्डिनेटर, ने कहा की हमारे काफी प्रयासों के बावजूद आरपीएससी और उच्च शिक्षा विभाग ने
ऑल लाइफ साइंस पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं दी है। इसलिए छात्रों को नए विषय खोलकर उनमें ट्रांसफर दिया गया था। पिछले साल पर्याप्त आवेदन नहीं आने के कारण पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो सका। इस बार फिर कोशिश कर रहे हैं।
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प्रो. आशू रानी, केंद्रीय प्रवेश समिति के प्रभारी, ने कहा की जिन पाठ्यक्रमों में पर्याप्त आवेदन नहीं आए हैं उनमें दाखिले के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 8 जुलाई तक बढ़ाई जा रही है। इसके बाद भी पर्याप्त आवेदन नहीं आएंगे तब पढ़ाई शुरू कराने या न कराने का फैसला लिया जाएगा।
नहीं मिल रहे छात्र :

मोटी फीस वसूलने के बावजूद संविदा शिक्षकों और बिना संसाधनों के चल रहे कई पाठ्यक्रमों से छात्रों का मोह भंग हो चुका है। २० पाठ्यक्रमों में से सिर्फ ९ पाठ्यक्रम ही ऐसे हैं जिनमें तय सीटों से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया है।
दाखिले की जंग
पाठ्यक्रम सीटें आवेदन
बीएससी बायो 60 206
बीएससी मैथ 60 209
बीएससी ऑनर्स 40 93
एमएससी कैमिस्ट्री 40 95
एमएससी इंडस्ट्रीयल 25 37
कैमिस्ट्री एमएससी 30 80
फिजिक्स एमए-एमएससी मैथ 30 76
एमएससी जूलॉजी 20 63
एमएससी बॉटनी 20 49
यहां मोह भंग
पाठ्यक्रम सीटें आवेदन
एमएसडबल्यू 40 21
एमकॉम 40 20
एमटेक सोलर एनर्जी 20 04
एमएससी लाइफ साइंस 20 07
एमएससी वाइल्ड लाइफ 20 12
एमए डवलपमेंट स्टडीज 40 03
एमए-एमएससी ज्योग्राफी 40 10
एमए हेरिटेज 20 01
एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस 60 09
डिप्लोमा कल्चर एंड हिस्ट्री ऑफ राजस्थान 30 01
सर्टिफिकेट इन टूरिज्म गाइड 25 13
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