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विवि प्रशासन अब कम्प्यूटर साइंस में बीएससी और मानविकी विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में जुटा है। मंगलवार को हुई सेंट्रल एडमिशन कमेटी की बैठक में बकायदा इसके प्रस्ताव भी रखे गए, लेकिन बैठक में मौजूद विभागाध्यक्षों ने शिक्षकों, संसाधनों और पैसे की कमी के कारण स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू कराने की कोशिशों का विरोध कर दिया। विभागाध्यक्षों का कहना था कि विवि में रोजगार परक और ऐसे पाठ्यक्रम शुरू कराए जाएं जो सरकारी व निजी कॉलेजों में न चल रहे हों।
विवि प्रशासन अब कम्प्यूटर साइंस में बीएससी और मानविकी विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में जुटा है। मंगलवार को हुई सेंट्रल एडमिशन कमेटी की बैठक में बकायदा इसके प्रस्ताव भी रखे गए, लेकिन बैठक में मौजूद विभागाध्यक्षों ने शिक्षकों, संसाधनों और पैसे की कमी के कारण स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम शुरू कराने की कोशिशों का विरोध कर दिया। विभागाध्यक्षों का कहना था कि विवि में रोजगार परक और ऐसे पाठ्यक्रम शुरू कराए जाएं जो सरकारी व निजी कॉलेजों में न चल रहे हों।
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घटती छात्र संख्या पर जताई चिंता
पाठ्यक्रम की गुणवत्ता, शिक्षकों की कमी और दूसरे सरकारी संस्थानों से फीस अधिक होने के कारण एमए हिस्ट्री एंड म्यूजियोलॉजी, एमए एमएससी जियोग्रफी, एमए डवलपमेंट स्टडीज, एमआईबी, वाइल्ड लाइफ और लाइफ साइंस जैसे पाठ्यक्रमों में छात्रों की लगातार घटती संख्या पर चिंता जताते हुए विभागाध्यक्षों ने स्थिति सुधारने की मांग की।
अनुमति के बावजूद शुरू नहीं किए ये पाठ्यक्रम
यूजीसी ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत कोटा विश्वविद्यालय में एमए हिंदी का पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी प्रदान की थी। इसके लिए एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को मंजूरी देने के साथ ही पांच साल तक उनका खर्च वहन करने को भी तैयार हो गई थी, लेकिन कोटा विवि तीन साल बाद भी इस पाठ्यक्रम को शुरू नहीं कर पाया। इतना ही नहीं प्रबंध मंडल ने एमबीए टूरिज्म एंड ट्रेवल्स कोर्स चलाने को भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन इतिहास और पर्यटन के लिए पूरा विभाग खुलने के बावजूद यह पाठ्यक्रम शुरू नहीं हो सका।
खेलों को मिले तवज्जो
स्पोट्र्स बोर्ड ने विश्वविद्यालय में उपलब्ध खेल सुविधाओं और दूसरी जगह जाने वाली टीमों के आधार पर खेल कोटे से दाखिले देने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन विवि प्रशासन अब भी सचिवालय की ओर से जारी सूची के आधार पर ही दाखिले ले रहा है। विभागाध्यक्षों ने विवि के छात्रों के हित में इस नियम को भी बदलने की मांग की। बैठक में सेंट्रल एडमिशन कमेटी की समन्वयक प्रो. आशू रानी, डॉ. ओपी ऋषि, डॉ. भवानी सिंह, डॉ. घनश्याम शर्मा, डॉ. अनुकृति शर्मा, केआर चौधरी, विजय सिंह और प्रो. एमएल साहू आदि लोग मौजूद रहे।