एफआईआर पर होती रही माथापच्ची
जब पत्रिका ने विवि प्रशासन के जवाबदेह अफसरों से बात की तो विक्रम नागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर वे एक-दूसरे पर मामले को टालते रहे। अब विवि प्रशासन के अफसरों ने कुलपति के कोटा लौटने के बाद ही एफआईआर दर्ज करने का मानस बनाया है।
विवि प्रशासन पर फोड़ा ठीकरा उधर, आरोपी छात्र विक्रम नागर ने विवि पर ठीकरा फोड़ दिया। उसने बताया कि विवि प्रशासन ने ही उसे पहले एडमिशन दिया। यहां तक की नोमिनेशन भी स्वीकार किया। बाद में एनवक्त पर नामांकन खारिज कर दिया। उसने पूरे मामले में हाईकोर्ट से राहत अपील की है। अब हाईकोर्ट में 4 सितंबर को मामले की सुनवाई होगी।
यह है मामला
विवि के छात्रसंघ प्रत्याशी विक्रम नागर ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एमए लोक प्रशासन विषय से पढ़ाई करने के लिए कोटा विवि में दाखिला लिया था। दाखिले के लिए जमा किए गए फार्म में उसने दसवीं, बारहवीं और वर्ष 2017 में ग्वालियर के जीवाजी विवि से बीए की परीक्षा पास करने के दस्तावेज लगाए थे। जीवाजी विवि की मार्कशीट फर्जी पाई गई।
इनका यह कहना छात्र विक्रम नागर के दस्तावेजों की जांच के लिए ग्वालियर कमेटी ने आज रिपोर्ट पेश कर दी है। कुलपति की अनुमति के बाद ही छात्र पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
एससी शर्मा, कुलसचिव, कोटा विवि