कोटा विश्वविद्यालय में लाखों रुपए की लागत से बनाए जल मंदिर और उनमें लगे आरओ प्लांट सूखे पड़े हैं। साफ पानी की कमी के चलते विश्वविद्यालय को स्वीमिंग पूल स्थापित करने के लिए यूजीसी से मिला अनुदान भी वापस लौटाना पड़ा था। विश्वविद्यालय का आलम यह है कि यहां विद्यार्थियों के लिए कैंपर मंगाकर पीने के पानी का इंतजाम किया जाता है।
काम आगे नहीं बढ़ सका
वर्ष 2015 में कार्यवाहक कुलपति एवं संभागीय आयुक्त ओंकार सिंह ने पीएचईडी को अकेलगढ़ से कोटा विवि तक पीने के पानी की पाइप लाइन डालने के निर्देश दिए थे। इससे पहले कि प्रस्ताव पर अमल होता सरकार ने कुलपति के पद पर प्रो. पीके दशोरा की नियुक्ति कर दी। जब उन्होंने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया तो पीएचईडी ने 8.34 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर विवि को सौंप दिया। दशोरा ने इसके लिए सरकार से अनुदान जारी करने की मांग की, लेकिन सरकार ने विवि प्रशासन को अपने खर्च पर ही इंतजाम करने के निर्देश दे प्रस्ताव वापस लौटा दिया। जिसके बाद यह काम आगे नहीं बढ़ सका।
वर्ष 2015 में कार्यवाहक कुलपति एवं संभागीय आयुक्त ओंकार सिंह ने पीएचईडी को अकेलगढ़ से कोटा विवि तक पीने के पानी की पाइप लाइन डालने के निर्देश दिए थे। इससे पहले कि प्रस्ताव पर अमल होता सरकार ने कुलपति के पद पर प्रो. पीके दशोरा की नियुक्ति कर दी। जब उन्होंने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया तो पीएचईडी ने 8.34 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर विवि को सौंप दिया। दशोरा ने इसके लिए सरकार से अनुदान जारी करने की मांग की, लेकिन सरकार ने विवि प्रशासन को अपने खर्च पर ही इंतजाम करने के निर्देश दे प्रस्ताव वापस लौटा दिया। जिसके बाद यह काम आगे नहीं बढ़ सका।
स्मार्ट सिटी में होगा शामिल
कुलपति चंदेल ने डीसीएम गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर जब विवि परिसर में पानी का इंतजाम नहीं होने की जानकारी दी तो मुख्यमंत्री हैरत में पड़ गईं। बोलीं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? उन्होंने महापौर महेश विजय को बुलाकर स्मार्ट सिटी योजना के तहत अकेलगढ़ प्लांट से कोटा विवि तक पाइप लाइन डालने के निर्देश दिए। कुलपति ने मुख्यमंत्री के समक्ष स्टाफ की कमी का मसला भी उठाया।
कुलपति चंदेल ने डीसीएम गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर जब विवि परिसर में पानी का इंतजाम नहीं होने की जानकारी दी तो मुख्यमंत्री हैरत में पड़ गईं। बोलीं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? उन्होंने महापौर महेश विजय को बुलाकर स्मार्ट सिटी योजना के तहत अकेलगढ़ प्लांट से कोटा विवि तक पाइप लाइन डालने के निर्देश दिए। कुलपति ने मुख्यमंत्री के समक्ष स्टाफ की कमी का मसला भी उठाया।