पत्रिका टीम दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर कोटा बैराज पर पहुंची। यहां तैनात सुरक्षाकर्मी कुर्सी पर बैठा मिला। उसी के सामने लोग बांध के प्रतिबंधित क्षेत्र में दाना डाल रहे थे। दाना चुगने के लिए बड़ी संख्या में जमा कबूतरों को उड़ाते हुए सेल्फी ले रहे थे, लेकिन गार्ड बेपरवाह बैठा रहा। कुछ मिनट बाद गार्ड उठा और बांध पर खड़े स्कूटर को लेकर सकतपुरा की ओर रवाना हो गया। लौटने पर उसके साथ पक्षियों के लिए चुग्गा था। बांध पर पहुंचते ही उसने भी पक्षियों के लिए चुग्गा डालना शुरू कर दिया।
पत्रिका टीम दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर कोटा बैराज पर पहुंची। यहां तैनात सुरक्षाकर्मी कुर्सी पर बैठा मिला। उसी के सामने लोग बांध के प्रतिबंधित क्षेत्र में दाना डाल रहे थे। दाना चुगने के लिए बड़ी संख्या में जमा कबूतरों को उड़ाते हुए सेल्फी ले रहे थे, लेकिन गार्ड बेपरवाह बैठा रहा। कुछ मिनट बाद गार्ड उठा और बांध पर खड़े स्कूटर को लेकर सकतपुरा की ओर रवाना हो गया। लौटने पर उसके साथ पक्षियों के लिए चुग्गा था। बांध पर पहुंचते ही उसने भी पक्षियों के लिए चुग्गा डालना शुरू कर दिया।