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Labor Day Special: ढेरो योजनाएं फिर भी नहीं बदली शिक्षा नगरी के मजदूरों की तकदीर

locationकोटाPublished: May 01, 2019 01:30:59 am

Submitted by:

Suraksha Rajora

आजादी के 7 दशक बाद भी मजदूर का हाथ लोहे को तो बदल सकता है पर अपनी तकदीर को नहीं बदल पा रहा…मजदूर दिवस (Labour Day) उन लोगों का दिन है जिन्होंने अपने खून पसीने से देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है….

कोटा. यह मजदूर का हाथ है…। मेहनत से कमाई रोटी की ताकत है, लोहे को पिघलाकर उसका आकार बदल देती है…। फिल्म का यह चर्चित डॉयलोग तो खूब सुना होगा.., लेकिन हकीकत यह है कि आजादी के ७ दशक बाद भी मजदूर का हाथ लोहे को तो बदल सकता है पर अपनी तकदीर को नहीं बदल पा रहा। Government ने इनके लिए योजनाएं भी कई चलाई पर ये कागजी ही साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का मजदूरों को लाभ नहीं मिल रहा।

केस – 1

धानमंडी में मजदूरी करने वाले महादेव को श्रमिक कार्ड के बारे में या श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं व योजनाओं की कोई जानकारी नहीं। उसने बताया कि बचपन में पिता का साया उठ जाने के बाद से मजदूरी कर रहा है। सड़क किनारे कहीं भी डेरा जमाकर रात काट लेता है। मजदूरी का कुछ पैसा गांव भेजता है। पैसों के अभाव में उसका रिश्ता भी नहीं हो रहा।
केस – 2

६० वर्षीय राधेश्याम बचपन से मजदूरी कर रहा है। वह आज तक घर नहीं बना सका। महीने भर में ७ से ८ हजार रुपए कमाता है, इसमें २ हजार मकान किराया दे देता है। राधेश्याम का श्रमिक कार्ड नहीं बना है न ही किसी योजना का उसे पता है। जैसे तैसे परिवार का पेट पाल रहा है।
केस-३

प्रेमशंकर के अनुसार वह ४० वर्षों से मजदूरी कर रहा है। उसका श्रमिक तो कार्ड बना है, पर आज तक इसका कोई फायदा नहीं मिला। प्रेमशंकर ने बताया कि उसे तो यह भी पता नहीं कि इस कार्ड का उपयोग कैसे होता है। क्या योजनाएं हैं तथा इसका फायदा कैसे उठाएं।
योजनाएं बनी हाथी के दांत

इधर श्रम विभाग द्वारा workers के लिए योजनाओं की कमी नहीं है। जानकारी के अनुसार कौशल विकास, श्रमिक सुलथ्य आवास, स्वास्थ्य बीमा योजना, भविष्य सुरक्षा योजना, बेटियों को सशक्त बनाने के लिए शुभ शक्ति योजना, दुर्घटना में मृत्य होने पर आर्थिक सहायता योजना, महिलाओं के लिए प्रसुति सहायता योजना, लिलिकोसि से पीडि़तों के लिए सहायता योजना, औजार टूलकिट समेत अन्य योजनाएं हैं। इनमें अलग-अलग योजनाओं में अलग-अलग सहायता राशि श्रमिकों को मिलती है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ कम ही श्रमिकों को मिल पाया है।
जिले में इतने श्रमिक

जिला कलेक्ट्री परिसर स्थित श्रम विभाग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल ३५ हजार ५० श्रमिक पंजीकृत हैं। इनमें से ९४०९ श्रमिक सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं। विभाग में श्रमिक पंजीयन संख्या लगातार बढ़ रही है।
विभाग पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ देने की दिशा में विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा। विभाग की विभिन्न योजनाओं से करीब साढ़े नौ हजार लोग लाभान्वित हुए हैं।

– अनिल अग्रवाल, लेबर इन्सपेक्टर
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