जवाब: मेडिकल ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी नहीं आने देंगे। कोटा संभाग के लिए जामनगर से राज्य सरकार को आवंटित कोटे के अतिरिक्त 28 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन कराया है। हर दिन सामने आने वाले कोविड-19 के मामलों में उछाल को देखते हुए ऑक्सीजन, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड की निरंतर मांग कई गुना बढ़ गई है। इसे पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के संपर्क में हूं। राज्य सरकार के प्रयासों से रेलमार्ग से भी ऑक्सीजन लाने के प्रयास चल रहे हैं। गुजरात से गुरुवार को ऑक्सीजन ट्रेन रवाना होना प्रस्तावित है। यह राजस्थान की पहली ऑक्सीजन ट्रेन होगी।
जवाब: अभी तक ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज के सभी वेंटीलेटर और आईसीयू बेड का उपयोग नहीं हो पा रहा था। ऑक्सीजन की आगे कमी नहीं आएगी।
जवाब: जो भी अस्पताल के लिए चाहिए उसके बारे में हमें बताएं, सरकारी और निजी स्तर पर उसे उपलब्ध कराएंगे। जो सरकारी प्रक्रिया की बाधा के कारण नहीं आ रहे हैं, उन्हें निजी क्षेत्र से उपलब्ध कराएंगे, लेकिन किसी की जान नहीं जानी चाहिए। उन्हें राज्य सरकर से भी बात करनी चाहिए। अभी काफी ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग रेग्यूलेटर नहीं होने के कारण नहीं हो रहा था, इसकी जानकारी मिलते ही 100 उपलब्ध करवा दिए गए हैं और भी कराएंगे। कुछ और भी जरूरत तो हमें बताया जाए। कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सवाल: घरों में आइसोलेट रोगियों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
जवाब: इसके लिए उद्यमी, व्यापारी और सामाजिक संगठनों के सहयोग से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक बनाया है। अभी 50 कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जल्द 250 और उपलब्ध होंगे। देने वालों की कमी नहीं है, लेकिन बाजार में उपलब्धता के आधार पर इनकी आपूर्ति होगी। कोविड रोगियों के लिए हेल्पलाइन पहले से ही चालू है। उद्यमियों के सहयोग से 10 एबुलेंस की भी व्यवस्था की है। इटावा में कंसंट्रेटर भेजे गए हैं और सामुदायिक चिकित्सालय स्तर पर ये संसाधन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।
सवाल: रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कब तक पर्याप्त हो सकेगी।
जवाब: यह बात सही है कि आवश्यकता के अनुपात में आपूर्ति नहीं हो रही है, लेकिन राजस्थान को पहले से बहुत ज्यादा रेमडेसिविर आवंटित कराए हैं। राज्य में कोटा के निजी अस्पतालों को सबसे ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हुए हैं।
जवाब: इसको लेकर जिला कलक्टर से कहा है कि सामुदायिक चिकित्सालय स्तर पर उपचार की व्यवस्था करें। ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों को शहर में आना नहीं पड़े, इसके इंतजाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। समाज सेवी, उद्यमी और सामाजिक संगठनों से मदद करवा रहे हैं। उनकी पहल सराहनीय है।
सवाल: महामारी के दौर में जनता के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं।
जवाब: जनता से यही अनुरोध है कि सरकारें संसाधन जुटाने के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन लोग सतर्क और बचाव उपाय अपनाकर सहयोग करें। अकारण घरों से नहीं निकलें। मास्क का उपयोग जरूर करें।