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कोटा संभाग में नहीं रहेगी ऑक्सीजन की कमी, लोगों की जान बचाना एकमात्र लक्ष्य

locationकोटाPublished: May 06, 2021 09:03:06 am

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, कोरोना जैसी विकट आपदा में सामूहिक प्रयासों से ही लड़ जा सकता है, केन्द्र और राज्य दोनों प्रयास कर रहे हैं। अभी लोगों का जीवन बचना ही एकमात्र लक्ष्य है। अस्पतालों में ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा संसाधन उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं।
 

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जग्गोसिंह धाकड़
कोटा. कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन और जरूरी दवाइयों की कमी ने कोहराम मचा रखा है। ऑक्सीजन के अभाव में पिछले दिनों कई मौतें हो चुकी हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा-बूंदी के सांसद होने के नाते कोटा संभाग के लिए इस दिशा में विशेष प्रयास कर रहे हैं। वे इसको लेकर केन्द्र और राज्य के संपर्क में हैं। उनके विशेष प्रयासों से कोटा संभाग को राज्य के कोटे के अतिरिक्त ऑक्सीजन का आवंटन हुआ है। मेडिकल ऑक्सीजन और अन्य दवाइयों को लेकर क्या प्रयास चल रहे हैं। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से बातचीत की। बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।
सवाल: कोटा संभाग में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। इसे दूर करने के लिए क्या प्रयास चल रहे हैं।
जवाब: मेडिकल ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी नहीं आने देंगे। कोटा संभाग के लिए जामनगर से राज्य सरकार को आवंटित कोटे के अतिरिक्त 28 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन कराया है। हर दिन सामने आने वाले कोविड-19 के मामलों में उछाल को देखते हुए ऑक्सीजन, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड की निरंतर मांग कई गुना बढ़ गई है। इसे पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के संपर्क में हूं। राज्य सरकार के प्रयासों से रेलमार्ग से भी ऑक्सीजन लाने के प्रयास चल रहे हैं। गुजरात से गुरुवार को ऑक्सीजन ट्रेन रवाना होना प्रस्तावित है। यह राजस्थान की पहली ऑक्सीजन ट्रेन होगी।
सवाल: मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध वेंटीलेटर और सभी आईसीयू बेड का उपयोग नहीं हो रहा है।
जवाब: अभी तक ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज के सभी वेंटीलेटर और आईसीयू बेड का उपयोग नहीं हो पा रहा था। ऑक्सीजन की आगे कमी नहीं आएगी।
सवाल: चिकित्सक संसाधन नहीं होने के कारण कई बार कुछ नहीं कर पाते।
जवाब: जो भी अस्पताल के लिए चाहिए उसके बारे में हमें बताएं, सरकारी और निजी स्तर पर उसे उपलब्ध कराएंगे। जो सरकारी प्रक्रिया की बाधा के कारण नहीं आ रहे हैं, उन्हें निजी क्षेत्र से उपलब्ध कराएंगे, लेकिन किसी की जान नहीं जानी चाहिए। उन्हें राज्य सरकर से भी बात करनी चाहिए। अभी काफी ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग रेग्यूलेटर नहीं होने के कारण नहीं हो रहा था, इसकी जानकारी मिलते ही 100 उपलब्ध करवा दिए गए हैं और भी कराएंगे। कुछ और भी जरूरत तो हमें बताया जाए। कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सवाल: राज्य और केन्द्र मिलकर इस संकट में क्या प्रयास कर रहे हैं।

जवाब: राज्य से आने वाली हर मांग को लेकर केन्द्र सरकार से लगातार बात कर रहा हूं। मेरे लिए पूरा देश एक समान है, लेकिन राजस्थान और कोटा संभाग मेरी प्राथमिकता में है। श्रेय कोई भी ले, लेकिन उपचार के संसाधनों की कमी से किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। इतनी बड़ी आपदा से सामूहिक प्रयासों से ही लड़ा जा सकता है। जो कुछ भी हो रहा है वह सामूहिक प्रयासों से हो रहा है। चिकित्सा व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है, इसलिए राज्य के मंत्रियों से भी बात होती है। उनका भी सहयोग मिल रहा है। ऑक्सीजन को लेकर मंत्री शांति धारीवाल से भी बात की, वे भी प्रयास कर रहे हैं। उनका सहयोग मिल रहा है। मैं तो अभी किसी दल में नही हूं, ऐसे में समय में राजनीति नहीं होनी चाहिए। सबको मिलकर लोगों की जान बचानी है।
सवाल: घरों में आइसोलेट रोगियों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है, इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
जवाब: इसके लिए उद्यमी, व्यापारी और सामाजिक संगठनों के सहयोग से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक बनाया है। अभी 50 कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जल्द 250 और उपलब्ध होंगे। देने वालों की कमी नहीं है, लेकिन बाजार में उपलब्धता के आधार पर इनकी आपूर्ति होगी। कोविड रोगियों के लिए हेल्पलाइन पहले से ही चालू है। उद्यमियों के सहयोग से 10 एबुलेंस की भी व्यवस्था की है। इटावा में कंसंट्रेटर भेजे गए हैं और सामुदायिक चिकित्सालय स्तर पर ये संसाधन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।
सवाल: रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कब तक पर्याप्त हो सकेगी।
जवाब: यह बात सही है कि आवश्यकता के अनुपात में आपूर्ति नहीं हो रही है, लेकिन राजस्थान को पहले से बहुत ज्यादा रेमडेसिविर आवंटित कराए हैं। राज्य में कोटा के निजी अस्पतालों को सबसे ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हुए हैं।
सवाल: कोविड की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से संक्रमण बढ़ा है, संसदीय क्षेत्र में क्या प्रयास किए।
जवाब: इसको लेकर जिला कलक्टर से कहा है कि सामुदायिक चिकित्सालय स्तर पर उपचार की व्यवस्था करें। ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों को शहर में आना नहीं पड़े, इसके इंतजाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। समाज सेवी, उद्यमी और सामाजिक संगठनों से मदद करवा रहे हैं। उनकी पहल सराहनीय है।
सवाल: महामारी के दौर में जनता के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं।
जवाब: जनता से यही अनुरोध है कि सरकारें संसाधन जुटाने के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन लोग सतर्क और बचाव उपाय अपनाकर सहयोग करें। अकारण घरों से नहीं निकलें। मास्क का उपयोग जरूर करें।
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