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राजस्थान के इस जिले में तालाब की जमीन पर बसा दी बस्ती, भू माफिया के सामने झुका प्रशासन

Rajasthan News: आज से करीब चार दशक पहले तक अनंतपुरा में वन विभाग की भूमि और तालाब की जमीन थी, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते धीरे-धीरे पूरे तालाब पर भूमाफिया ने बस्ती बसा दी।

कोटाMar 19, 2024 / 01:03 pm

Omprakash Dhaka

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Kota News: आज से करीब चार दशक पहले तक अनंतपुरा में वन विभाग की भूमि और तालाब की जमीन थी, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते धीरे-धीरे पूरे तालाब पर भूमाफिया ने बस्ती बसा दी। वन विभाग के भूमि को इकरारनामे और मुख्तारनामे के कागज बनाकर भूमाफिया खुलेआम बेच रहे हैं। सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े फार्म हाउस, मैरिज गार्डन और व्यावसायिक गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं।


अनंतपुरा क्षेत्र में वन विभाग, राजस्व विभाग और नगर विकास न्यास की भूमि है। इस पर भूमाफिया ने कर्णेश्वर महादेव के निकट वन विभाग के लखावा-ए एवं लखावा, वनखंड के खसरा संख्या 225, 280 और 221 की और नगर विकास न्यास की खसरा संख्या 224/311 की तालाब से सटी सैकड़ों भूमि पर अवैध कॉलोनी काट कर इकरारनामे व मुख्तारनामे के जरिए बेच दी।


सरकारी भूमि पर बना लिए फार्म हाउस
प्रशासन की ओर से संयुक्त टीम वन विभाग, राजस्व विभाग, यूआईटी व पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने सर्वे किया तो सीमांकन के लिए खसरा क्षेत्रों में जाने के रास्ते पर कांग्रेस नेता अमीन पठान का फार्म हाउस बना मिला। इस पर टीम ने सीमांकन के निशान लगाए। इसके निकट तलवंडी निवासी हरपाल त्यागी के फार्म हाऊस में भी सरकारी भूमि का चिन्हीकरण किया गया।

 

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हर बरसात में भरता है पानी
करीब चार दशक पहले तक अनंतपुरा में वन विभाग व नगर विकास न्यास का बड़ा तालाब था, लेकिन धीरे-धीरे इसके किनारे पर अतिक्रमण करते हुए तालाब में भूमाफियाओं ने कॉलोनी काट कर बेच दी। ऐसे में यहां निचले क्षेत्र में बस्ती बस गईं। ऐसे में हर बरसात में अब यहां पानी भरता है। इसके चलते हर बार प्रशासन को यहां लोगों के विस्थापन से लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने पड़ते है। इसके बावजूद लोग तालाब में गहराई में बचे स्थानों में बसते जा रहे हैं।
कलक्टर के आदेश पर शुरू हुई कार्रवाई

 

जिला कलक्टर (भू अभिलेख) कोटा के आदेश पर वन विभाग, यूआईटी और राजस्व की भूमि पर अतिक्रमियों और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए न्यास ने अतिक्रमित भूमि का ड्रोन सर्वे (डीजीपीएस) सर्वे करवाया। इसके आधार पर भूमि का चिन्हीकरण किया गया।

 


वन विभाग की जमीन पर जितने भी अतिक्रमण के प्रकरण है, उनमें लगातार नोटिस दिए गए हैं। अभी जो मामला हुआ है। इसमें भी पहले नोटिस दिया गया है। जनवरी में डीपीजीएस सर्वे हुआ था, जिसके बाद मौके पर रेखांकन हुआ है। इसके बाद फिर से नोटिस दिया गया है। राजस्थान वन अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शहर के पास विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर पौधारोपण करेंगे।
– अपूर्व श्रीवास्तव, उपवन संरक्षक, मंडल वन, कोटा

 


अनंतपुरा में राजस्व, यूआईटी और वन विभाग की भूमि है। इसका ड्रोन सर्वे करवाया गया है। इस आधार पर भूमि का सीमांकन किया जा रहा है। इसके बाद अतिक्रमण का चिन्हीकरण कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
– कुशल कुमार कोठारी, सचिव, नगर विकास न्यास, कोटा

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