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संत के संयम से लें सीख, बदलेगी जीवन की दिशा

locationकोटाPublished: Oct 14, 2018 10:18:42 pm

Submitted by:

Anil Sharma

कोटा. संतों के तप, संयम और साधना से हर व्यक्ति को सीख लेनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके जीवन की दिशा व दशा दोनों बदल जाएगी। यह बात धर्मचंद मुनि ने कही। अवसर था उपाध्याय मूल मुनि के जन्मोत्सव कार्यक्रम का।

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जैन दिवाकर स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित श्रृध्दालु।

कोटा. संतों के तप, संयम और साधना से हर व्यक्ति को सीख लेनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके जीवन की दिशा व दशा दोनों बदल जाएगी। यह बात धर्मचंद मुनि ने कही। अवसर था उपाध्याय मूल मुनि के जन्मोत्सव कार्यक्रम का।
वल्लभबाड़ी स्थित जैन दिवाकर स्कूल में उपाध्याय मूल मुनि का ९७वां जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी तादात में लोग पहुंचे। उन्होंने ज्ञान की त्रिवेणी में डुबकी लगाई। मूल मुनि के जन्मोत्सव पर राकेश मुनि के अलावा तेरापंथ के मुनि धर्मचंद पीयूष, मुनि रश्मि कुमार, मुनि प्रियांशु कुमार का सान्निध्य मिला। आचार्य शशांक सागर ने कहा कि संतों का सान्निध्य नसीब वालों को ही मिलता है। इसका लाभ उठाकर जीवन को संवारना चाहिए। धर्मचंद मुनि ने मूल मुनि के जन्मदिन पर मंगलकामना करते हुए उनके जीवन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संत के तप, संयम व साधना से सीख लेकर व्यक्ति आगे बढ़े तो जीवन की दिशा व दशा बदल सकती है। राकेश मुनि ने भी सम्बोधित किया। संतों ने उपाध्याय मूल मुनि के शतायु व स्वस्थ रहने की भावना व्यक्त की। जैन स्वाध्याय संस्था एवं चातुर्मास व्यवस्था समिति के ताराचंद जैन ने बताया कि इस मौके पर अखिल भारतीय जैन दीवाकर युवा संघ की कार्यकारिणी घोषित की गई। श्रावक सम्मेलन भी हुआ जिसमें संघ की गतिविधियों के बारे में चर्चा की गई। कार्यक्रम में महिला जैन कॉन्फ्रेंस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रुचिरा सुराणा, राज्य महिला जैन कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष लाड मेहता, सकल दिगम्बर समाज के पूर्व अध्यक्ष राजमल पाटौदी, चातुर्मास समिति के संयोजक सुरेश जैन मौजूद रहे।
दिलीप सेठिया चुने गए अध्यक्ष
दादाबाड़ी स्थित क्षेत्रीय दिगम्बर जैन नसियांजी समाज के 5 पदों के चुनाव संपन्न हुए। चुनाव अधिकारी महावीर कोठारी ने बताया कि अध्यक्ष दिलीप सेठिया, उपाध्यक्ष एडवोकेट राजेन्द्र जैन, मंत्री राजेन्द्र बज, सहसचिव राजेश जैन को निर्विरोध चुना गया। जबकि कोषाध्यक्ष पद का वोट के माध्यम से चुनाव हुआ। इसमें सुरेश जैन पाटोदी ने अपने प्रतिद्वंदी सिद्धार्थ दोराया से 98 वोटों से जीत हासिल की।

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