स्मार्ट सिटी होने के बावजूद कोटा में नहीं मिनी सचिवालय, सरकार से मिलकर करेंगे समाधान : बिरला
सूत्रों के अनुसार इस तरह के कोच के कई फायदे हैं। इनमें ट्रेन के बेपटरी होने या पलटने के दौरान कोच सुरक्षित रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष में 1 अप्रेल 2017 से 30 नवम्बर 2017 के दौरान ट्रेन हादसों की संख्या 85 से घटकर 49 हो गई। वहीं रेल पटरी के नवीनीकरण के काम में तेजी आई और नवम्बर 2017 तक 2,148 किलोमीटर पुरानी रेल पटरियों को बदल दिया गया।
यात्रीगण कृप्या
ध्यान दें…ये ट्रेन 23 घंटे देरी से चल रही है, आज कोटा नहीं पहुंचेगीयात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए रेट्रो फिमेंट मिशन शुरू किया गया है। इसके तहत कोचों में सुधार किया जाएगा। मिशन के तहत 45 हजार कोचों को कवर करेगा। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग और नई दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 160 से 200 किमी प्रति घंटे करने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। इस पर लगभग 18,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
कुछ शर्माए तो कुछ बिंदास होकर बोले, किसी कि सुंदर-सुशील, तो किसी कि समझदार-सुलझे साथी की है चाहत
इस योजना के तहत तारबंदी, समपार फाटक हटाने, ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली, मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार, स्वचालित और मैकेनाइज्ड डायग्नोस्टिक सिस्टम का उपयोग शामिल है। इसके कार्यान्वयन से गाडिय़ों की अधिकतम गति क्षमता 160-200 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। इससे नई दिल्ली-मुंबई राजधानी के सफर की अवधि 15 घंटे 35 मिनट की जगह कम होकर 12 घंटे की यात्रा अवधि हो जाएगी।