कोटा में पुलिस ने 17 मार्च को गिरोह के मथुरा व हरियाणा के चार आरोपितों को गिरफ्तार किया। चारों आरोपितों मथुरा निवासी दयाचंद शर्मा, रामबाबू गुर्जर, राहुल सिंह व हरियाणा निवासी धर्मेन्द्र शर्मा को अदालत में पेश कर 21 मार्च तक रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई राज खुल सकते हैं, जबकि गिरोह के दो मुख्य सरगना गजराज उर्फ मनीष व दीपक गोयल को पुलिस तलाश रही है। पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पिछले दिनों अजमेर में भी इसी तरह से नकल कराने संबंधी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। इसमें पुलिस ने वहां एक सेंटर संचालक हनुमान को गिरफ्तार किया था।
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सूत्रों के अनुसार इस भर्ती परीक्षा में भी मथुरा निवासी गिरोह के मुख्य सरगना गजराज उर्फ मनीष व हरियाणा निवासी धर्मेन्द्र ने ही नकल करवाई थी। दोनों उस समय अजमेर के एक होटल में ठहरे हुए थे। वहां से उन्होंने हनुमान के दो केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को नकल करवाई थी। दोनों ने होटल में बैठकर केन्द्रों से सोशल मीडिया के जरिए पेपर मोबाइल पर मंगवाए और अपने सेंटर से उसे हल करवाकर वापस केन्द्रों पर भिजवाया था। इतना ही नहीं धर्मेन्द्र ने ही हनुमान को नकल कराना सिखाया था। इसी ने वहां कम्प्यूटर में एमई एडमिन सिस्टम फिट किया था। हनुमान के पकड़े जाने के बाद अब पूछताछ के लिए अजमेर पुलिस कोटा में धर्मेन्द्र को पूछताछ के लिए ले जा सकती है।
टेस्ट के लिए मनीष ने लिया था सेंटर
रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र स्थित महात्मा गांधी कॉलोनी के कोटा बाल सी. सै. स्कूल में करीब एक साल पहले मार्च-अप्रेल में गजराज उर्फ मनीष ने ही स्कूल मालिक पंकज शर्मा से यह सेंटर किराए पर लिया था। वह यहां कोचिंग संस्थानों की ओर से शनिवार व रविवार को लिए जाने वाले ऑनलाइन टेस्ट करवाता था, लेकिन नुकसान होने से उसने यह केन्द्र अपने साथी दीपक गोयल को किराए पर दिलवा दिया। इसी बीच एसएससी का केन्द्र कोटा मिलने पर मनीष ने ही दीपक से मिल नकल की साजिश रची। उसी ने अपने स्टाफ की ड्यूटी इस केन्द्र पर लगवा अभ्यर्थियों को नकल करवाई। हालांकि एसएससी ने अपना सॉफ्टवेयर बदल दिया था। इससे ये नकल बड़े स्तर पर नहीं करवा सके।
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कमाई के लालच में नकल का धंधा
गिरफ्तार चारों आरोपित आईटी एक्सपर्ट, बीबीए और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर संचालित करते हैं। धर्मेन्द्र तो मनीष के सेंटर पर ही पढ़ाता था, जबकि दयाचंद शर्मा कोचिंग संस्थान संचालित करता है। मनीष ने ही दयाचंद को महात्मा गांधी कॉलोनी में संचालित केन्द्र का संचालक बना रखा था। वैसे तो ये सभी काम कर ही रहे थे, लेकिन ज्यादा कमाई के लालच में उन्होंने नकल कराने का धंधा भी शुरू कर दिया। प्रतियोगी परीक्षा सेंटर संचालित करने के कारण मनीष के सम्पर्क में कई अभ्यर्थी और सेंंटर संचालक होने से उसने नकल के जरिए लोगों को पास कराने का काम शुरू कर रखा है। Big News: कोटावासियों ध्यान दें, घर के बाहर लगे एसी पर कबूतर बैठा तो हो सकती है आपकी मौत
स्कूल संचालक की भूमिका भी संदिग्ध
रेलवे कॉलोनी सीआई शिवराज गुर्जर ने बताया कि कोटा बाल सी.सै. स्कूल में पकड़े गए हाई प्रोफाइल नकल मामले में स्कूल संचालक की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस संबंध में स्कूल सचालक पंकज शर्मा से कम्प्यूटर केन्द्र के लिए भवन किराए पर दिए जाने संबंधी केन्द्र संचालकों के बीच हुए समझौते व करार का रिकॉर्ड तलब किया गया है। किराए पर कब, किसे और कितने समय के लिए भवन दिया गया है। यहां नकल के संबंध में उन्हें जानकारी है या नहीं इस बारे में उनसे भी पूछताछ की जाएगी।