आजादी के बाद पहला मौका जब चुनाव में इस दिग्गज नेता की आवाज सुनाई नहीं देगी…
कोटाPublished: Nov 27, 2018 06:23:17 pm
एक वक्त ऐसा था जब उनके तीखे हमलों से विरोधी भी कांप उठते थे।
आजादी के बाद पहला मौका जब चुनाव में इस दिग्गज नेता की आवाज सुनाई नहीं देगी…
कोटा डिजिटल डेस्क. भारतीय जनता पार्टी आज जिस मुकाम पर है उसका सबसे बड़ा श्रेय लालकृष्ण अडवाणी को जाता है । 5 राज्यों में चुनावों का माहौल और तीन राज्यों में तो भाजपा की सरकार है लेकिन शायद आजादी के बाद पहला ऐसा मौका है जब चुनावी सभाओं में भाजपा के वरिष्ठतम नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की आवाज नहीं सुनाई दे रही । आजादी के बाद पहला मौका जब चुनाव में इस दिग्गज नेता की आवाज सुनाई नहीं देगी । अपने जोरदार भाषणों से जनता को मंत्रमुग्ध कर देने वाली वो कला अब सन्यास ले चुकी हैं। एक वक्त ऐसा था जब उनके तीखे हमलों से विरोधी भी कांप उठते थे। एक वक्त ऐसा था जब उनके तीखे हमलों से विरोधी भी कांप उठते थे। पिछले विधानसभा चुनावों की ही बात करें तो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक सभा के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अब तक का सबसे कमजोर पीएम बता दिया थी। उन्होंने कहा था, ‘पीएम मनमोहन सिंह मजाक बनकर रह गए हैं । ‘मेरे 45 वर्ष के संसदीय कार्यकाल में 14 पीएम बने , पर वर्तमान प्रधानमंत्री का शासनकाल सबसे खराब कार्यकाल के रूप में देखा जाएगा। अर्थशास्त्री के राज में अर्थव्यवस्था चौपट हो जाए तो कहने ही क्या।