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डोर-टू-डोर थीम पर जनसंपर्क
BJP की ओर से surgical strike का हवाला देकर पहला वोट सैनिकों के नाम देने की बात कही जा रही है। बूथ प्रबंधन को लेकर भी पार्टी ने अपना नेटवर्क सक्रिय कर दिया है। पार्टी के पुराने नेटवर्क को लोकसभा चुनाव के हिसाब से अपडेट किया जा रहा है। संसदीय क्षेत्र के गांव से लेकर बूथ तक डोर-टू-डोर थीम पर जनसंपर्क किया जा रहा है।
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कांग्रेस की प्लानिंग भी यूथ और बूथ कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मेरा बूथ, मेरा गौरव जैसे कार्यक्रम चलाए। विधानसभा चुनाव में बनाए गए कार्यकर्ताओं के अलावा सोशल मीडिया के जरिए यूथ को जोडऩे की टीम बनाई है। इसके साथ ही महिला वोट बैंक को भी रिझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं से बार-बार यही कहते नजर आ रहे हैं कि मतदाताओं को बूथ तक पहुंचा दिया तो सफलता मिलेगी। इस काम के लिए यूथ को जोड़ा जा रहा है।
कांग्रेस की प्लानिंग भी यूथ और बूथ कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मेरा बूथ, मेरा गौरव जैसे कार्यक्रम चलाए। विधानसभा चुनाव में बनाए गए कार्यकर्ताओं के अलावा सोशल मीडिया के जरिए यूथ को जोडऩे की टीम बनाई है। इसके साथ ही महिला वोट बैंक को भी रिझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं से बार-बार यही कहते नजर आ रहे हैं कि मतदाताओं को बूथ तक पहुंचा दिया तो सफलता मिलेगी। इस काम के लिए यूथ को जोड़ा जा रहा है।
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बूथ पर फोकस इसलिए
भाजपा हो या कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों की बूथ कमेटियों में पांच से 15-20 सदस्य शामिल हैं। ये सीधे आमजन के संपर्क में बने रहते हैं। यही कमेटियां हैं, जो सभाओं में भीड़ का हिस्सा भी होती हैं और नारेबाजी से लेकर झंडे भी लहराते हैं। पान की दुकान से लेकर नुक्कड़ व आयोजनों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम भी इन्हीं का होता है। इसलिए दलों ने सियासी सफ र को आसान बनाने के लिए बूथ कमेटियों पर फोकस बढ़ा दिया।
महिला और युवा वोट बड़ी ताकत कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र में पहली बार के मतदाताओं की बात करें तो 18 से 19 साल तक की आयु के मतदाताओं की संख्या 56 हजार 842 है। इनमें से 40 हजार 186 मतदाता केवल कोटा जिले में हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 33 हजार 720 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 97 हजार 740 है। संसदीय क्षेत्र में कुल 19 लाख 31 हजार 460 मतदाता हैं।
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विधानसभा चुनाव के बाद नई सूची के अनुसार कोटा-बूंदी लोकसभा के कोटा जिले की छह विधानसभा सीटों के मतदाताओं की संख्या 13 लाख 79 हजार 58 हो गई है। विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 55 हजार 946 थी। जिले में 22 हजार 25 मतदाताओं का नाम कट गया और इससे ज्यादा नए मतदाताओं का नाम जुड़ा है। इस तरह कोटा जिले में तुलनात्मक रूप से 23 हजार 112 हजार मतदाता जुड़े हैं। कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 61 हजार 32 नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें काटे गए और जोड़े गए नामों की तुलना करें तो करीब 36 हजार 663 मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है।