script

कोविड में लोकसभा ने कामकाज का बनाया नया रेकॉर्ड

locationकोटाPublished: Sep 24, 2020 11:34:51 am

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

लोकसभा का मानसून सत्र 167 प्रतिशत उत्पादकता के साथ सबसे अधिक उत्पादकता वाला सत्र रहा। कई नए रेकॉर्ड बने और 25 विधेयक पारित हुए।
 

loksabha.jpeg

लोकसभा का मानसून सत्र 167 प्रतिशत उत्पादकता के साथ सबसे अधिक उत्पादकता वाला सत्र रहा।

कोटा. कोविड की छाया के बीच हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा ने इतिहास रच दिया। अध्यक्ष ओम बिरला के कुशल संचालन के बीच मानसून सत्र में लोकसभा की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही जो लोकसभा के किसी भी सत्र में सर्वाधिक है। दस दिन चले सत्र में 25 विधेयक पारित किए गए तथा कई अन्य रेकॉर्ड भी बने।
लोकसभा सत्र के आंकड़ों को देखें तो मानसून सत्र की उत्पादकता 167 प्रतिशत रही। इससे पूर्व 8वीं लोकसभा के तीसरे सत्र में कार्य उत्पादकता 163 प्रतिशत रही थी। सत्र के दौरान 21 सितंबर को 234 प्रतिशत उत्पादकता रही। जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन में सर्वाधिक है। यह पहली बार रहा कि जब सत्र के दौरान कोई अवकाश नहीं रहा। रविवार और सोमवार को दो दिन तक सदन ने देर रात 12.30 बजे तक काम किया। 10 बैठकों में 37 घंटे के कार्य के स्थान पर 60 घंटे काम हुआ जो निर्धारित समय से डेढ़ गुना से भी अधिक है। सत्र के दौरान विधायी कार्यों को 68 प्रतिशत तथा अन्य कार्यों को 32 प्रतिशत समय दिया गया। सत्र के दौरान 16 विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा 25 विधेयक पारित किए गए। शून्यकाल की निर्धारित अवधि में 180 सदस्यों को अविलंब लोक महत्व के विषय उठाने थे, जिसकी तुलना में 370 सदस्यों को विषय उठाने का अवसर मिला। सत्र के दौरान 20 सितंबर को 88 सदस्यों ने शून्यकाल में अपनी बात रखी तथा 78 महिला सदस्यों में से लगभग 60 महिला सदस्यों को बोलने का अवसर मिला। नियम 377 के तहत भी लोकसभा का मानसून सत्र के दौरान प्रदर्शन उल्लेखनीय है। 15वीं व 16वीं लोकसभा के चौथे सत्र की तुलना में 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र में लगभग दुगुने सदस्यों ने अपने प्रश्न रखे। करीब 99 प्रतिशत विषयों के जवाब दे दिए गए। इसके साथ सदन के पटल पर करीब 2300 अतारांकित प्रश्नों का जवाब रखा गया।

ट्रेंडिंग वीडियो