लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा कि यह अभियान केवल एक या दो जगह तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हर क्षेत्र में सांसद, विधायक व सामाजिक संस्थाएं इस दिशा में पहल करें और एक महिला के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ले। सामूहिक कोशिशों से ही महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर हम भावी पीढ़ियों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित कर सकते हैं।
बिरला ने कहा कि अगर मां का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा तो उसका विपरीत असर शिशु पर पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी जागरूकता की कमी है, इसलिए हम अभियान को शहरों तक सीमित नहीं रखेंगे। गांव ढाणियों तक जाकर महिलाओं को सुपोषित करेंगे। इसके लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर महिलाओं को चिन्हित करेंगे।
हंस फाउंडेशन की संरक्षक माता मंगला ने कहा कि वे 28 राज्यों में समाज सेवा के काम कर रहे हैं, लेकिन सुपोषित मां अभियान के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की यह पहल अनूठी है। यही वजह है कि हंस फाउंडेशन भी इस पुण्य कार्य में भागीदार बना है। मां स्वस्थ होंगी तो परिवार स्वस्थ होंगे। लोक सभा अध्यक्ष ने शक्ति स्वरूपा मां की चिंता की क्योंकि वे मानव सेवा को अपना धर्म मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा पूण्य कार्य है जिसे हर व्यक्ति, समाज और संस्था को करना चाहिए। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी।
विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कुपोषण के विरूद्ध सरकारें कई योजना चला रही है, लेकिन कई परिवारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। सुपोषित मां अभियान के माध्यम से लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऐसे ही वंचित परिवारों को संभालने का काम किया है। मेघवाल ने कहा कि कभी धन के अभाव तो कभी अपनी व्यस्तताओं के कारण माताएं अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाती, आपने ऐसी माताओं का दर्द समझा। हमारे लिए गर्व का विषय है कि आपके रूप में हमें एक ऐसे जनप्रतिनिधि मिले हैं, जो अपने लोगों के लिए इस समर्पण भाव से काम करते हैं।
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि सुपोषित मां अभियान के पहले चरण के नतीजे सुखद रहे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को योजना का लाभ मिला है। इस अभियान के माध्यम से समाज में महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शुरू किए गए ऐसे अनेकों प्रकल्प है, जिन्होंने सामान्य मानवीय के जीवन में व्यापक बदलाव लाने का काम किया है।
आने वाले कल को बचाने की सोच है यह अभियान
विधायक कल्पना देवी ने कहा कि हमारे शहर में एक दौर ऐसा आया जब हमने एक साथ कई मासूमों को खो दिया। गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी इसका बड़ा कारण था। केवल हमारे लोक सभा अध्यक्ष ही थे जिन्होंने मां के इस दुख दर्द को समझा और जनअभियान बनाकर उसे सफल भी बनाया। यही वजह है कि अब और बड़ स्तर पर अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हुई है। विधायक ने कहा कि सुपोषित मां अभियान केवन अभियान नहीं होकर आने वाले कल को बचाने की एक सोच है, हम सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।