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लोकसभा अध्यक्ष ने सुने अभाव-अभियोग

locationकोटाPublished: Sep 28, 2020 09:13:46 pm

बिरला कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए लोगों से हुए रूबरू- शहर से लेकर गांवों तक से लोग अर्जियां लेकर पहुंचे

लोकसभा अध्यक्ष ने सुने अभाव-अभियोग

लोकसभा अध्यक्ष ने सुने अभाव-अभियोग

कोटा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को शक्ति नगर स्थित कैम्प कार्यालय में सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए आमजन से मुलाकात की और जन समस्याएं सुनी। सुबह से ही लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर यहां पहुंचे। बिरला ने समस्याएं सुनने के साथ लोगों के हाल चाल भी जाने। शहर से लेकर कोटा और बूंदी जिले के गांवों से भी लोग अपनी-अपनी अर्जियां लेकर पहुंचे। बिरला ने एक-एक अर्जी को पढ़कर समाधान का भरोसा दिया। कई ऐसी समस्याएं आई, जिनका समाधान तत्काल जरूरी था तो खुद फोन कर संबंधित अधिकारी को समाधान करने को कहा। बिरला ने लोगों से कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते अब अधिक सावधानी रखने की जरूरत है। मास्क लगाकर ही घरों से बाहर निकलें और सामाजिक दूरी के नियमों की भी पालना करें। बूंदी जिले से आए किसानों ने फसलों के खराबे के मुआवजे, सड़कों की मरम्मत आदि की मांग की। आमजन की समस्याओं के अलावा कई लोग व्यक्तिगत समस्याएं भी लेकर आए। सामाजिक पेंशन, खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने, विकास कार्य करवाने सहित अन्य समस्याएं रखी। कोटा में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व पार्षद विवेक राजवंशी के नेतृत्व में लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन दिया। उन्होंने बताया कि किसी मरीज की दूसरे शहरों में इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उस शहर की नगर निगम, नगर परिषद व अन्य एजेन्सी के पास जाना पड़ता है। इसके लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस नियम में बदलाव किया जाना चाहिए। यह समस्या पूरे देश में ही है। बिरला ने केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधिकारियों से बात की। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व पार्षद गोपालराम मंडा, पूर्व पार्षद जितेंद्र सोनी आदि शामिल थे। नागरिक मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने शहर में चिकित्सा व्यवस्था के सुधार एव कोटा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे बड़े चिकित्सालय को खोलने की मांग का ज्ञापन दिया। मोर्चा के संयोजक पवन अग्रवाल, अध्यक्ष विवेक मित्तल ने बताया की विज्ञान नगर डिस्पेंसरी को क्रमोन्नत हुए कई वर्ष बीत गए एवं वहां चार करोड़ की लागत से अस्पताल बनकर तैयार खड़ा है, लेकिन उसका अभी तक संचालन शुरू नहीं हो पाया है, जिसे अतिशीघ्र प्रारम्भ किया जाए। कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ईएसआई अस्पताल अधिग्रहीत करने का सुझाव दिया। प्रतिनिधिमण्डल में सचिव जितेन्द्र फ तनानी, सदस्य भारतसिंह हाड़ा आदि शामिल थे।
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