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प्रशासन नहीं लेता सुध
जब ग्रामीण हाट बाजार में मेले लगाए जाते हैं तब प्रशासन खानापूर्ति कर जिम्मेदारी निभा जाता है लेकिन उसके बाद कोई सुध नहीं ली जाती। यहां लाइट के बोर्ड टूटे पडे़ हैं, खम्भों पर लाइटें टूटी पड़ी हैं। सामान रखने के लिए बनाए गए रेक टूट चुके हैं, साफ-सफाई का अभाव है, जगह-जगह गंदा पानी भरा है, लम्बे समय से रंग-रोगन नहीं हुआ।
बना तब से बजट नहीं
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जब से ग्रामीण हाट बाजार बना है तब से लेकर अब तक मेंटिनेंस का बजट नहीं आया है। जैसे-तैसे काम चल रहा है। 24 जून 2005 को इसका लोकार्पण किया गया था, तब से यहां कोई कार्य नहीं हुआ। चौकीदारी के लिए 6 गार्ड लगे हैं लेकिन 5 माह से वेतन बाकी होने से ये पर्याप्त ध्यान नहीं देते। बिल्डिंग भी जर्जर होती जा रही है। किशोर सागर में हमेशा पानी रहने के चलते यहां सीपेज भी रहता है।
दिखवाएंगे मामला
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बिल्डिंग के जीर्णोद्धार के लिए बजट नहीं आ रहा है। वहीं कई माह से गार्ड का पेमेंट तक नहीं हो रहा। यहां मवेशी घूमते हैं तो दिखवाएंगे।
हरी मोहन शर्मा,
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