गौरतलब है कि मंडी समिति में 10 मार्च से हम्माल संघ के प्रतिनिधियों ने 11 प्रतिशत मजदूरी बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल कर दी थी। इससे मंडी में जिंसों की नीलामी का कार्य ठप हो गया था। व्यापार संघ के प्रतिनिधि मजदूरी की बढ़ोतरी को चार प्रतिशत करने पर रजामंद थे।
दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए मंडी समिति प्रशासन की तरफ से तीन बार बैठकें की गई। नतीजा नहीं निकला तो उप जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल को काश्तकारों ने कृषि ऋण सहित अन्य कर्ज की अदायगी मार्च माह में करने की विवशता के साथ मंडी बंद होने की बात से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौपा था। उप जिला कलक्टर ने काश्तकारों की इसी परेशानी को समझकर व्यापारियों व हम्मालों की बैठक आहूत करवाई।
दोनों पक्षों में सुलह कराने में उप जिला कलक्टर की तरफ से प्रयास हुआ तो मजदूरी की दर साढ़े सात प्रतिशत तय होने के साथ हम्माल संघ प्रतिनिधि कामकाज पर रजामंद हो गए। दोनों पक्षों मे तय हुए समझौते में बढ़ी हुई मजदूरी की दर एक साल तक रहेगी। सीजन के समय में मंडी का कामकाज प्रभावित नहीं हो इसके लिए मजदूरी की दरों के मामले में एक माह पहले बैठक होगी।