चंबल की पावन धारा में कई लोग पवित्र स्नान करेंगे। अन्य स्थानों पर भी पुण्य स्नान किए जाएंगे। सूर्य देव को अध्र्य अर्पित किया जाएगा। दानपुण्य किए जाएंगे, गायों को चारा डाला जाएगा। कई जगहो पर भंडारों के आयोजन भी होंगे। इनमें सैकड़ों की संख्या में लोग महाप्रसादी ग्रहण करेंगे।
पूर्व प्रो. ज्योतिषाचार्य नागेन्द्र प्रतिहस्त के अनुसार बुधवार को महापुण्यकाल दोपहर 12 बजे तक रहेगा लेकिन इसके बाद दिनभर दानपुण्य किए जाएंगे। धर्मध्यान पूजा पाठ भी किए जाएंगे। कई मंदिरों में विशेष शृंगार किया जाएगा। भगवान को गुड़ तिल का भोग लगाया जाएगा। दानपुण्य के अलावा युवा व बच्चे छत, गलियों व मैदानों में पतंग उड़ाते नजर आएंगे। बच्चों व युवाओं में
पतंग उड़ाने को लेकर इस वर्ष खासा उत्साह देखा जा रहा है।
इधर कई ने मनाई मकर संक्रांति काफी वर्षों से
मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही आती रही है। इस धारणा के चलते कई लोगों ने इससे पहले कई लोगों ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति की जनधारणा के चलते शहर भर में पर्व का उल्लास नजर आया। भजन कीर्तन,
भंडारे, दानपुण्य का दिनभर दौर चला। एक ओर जहां धर्मध्यान पूजा अनुष्ठान हुए वहीं युवा व बच्चे पतंगों के संग नजर आए।
शहर में सुबह से ही पर्व का उल्लास नजर आया। युवा बच्चे, छत और मैदानों में पहुंचे। इसके साथ ये काटा वो कोटा का दौर और शौरशुरू हो गया। दिनभर आसमान रंग बिरंगी पतंगों से अटा रहा। किसी ने हाथों में गिरगिड़ी थामी, कोई पतंग उड़ाता नजर आया। लोग डीजे व लाउड स्पीकर पर गीतों की धुन के साथ पतंगबाजी का लुत्फ उठा रहे थे।खुशगवार मौसम में सुबह से शाम तक छतों पर हुजूम जमा रहा और पतंगों उड़ान भरती रही।
दिनभर दानपुण्यइससे पहले सुबह दानपुण्य हुए। लोगों ने पवित्र स्नान किया। जगह जगह लोग गौ का चारा डालते नजर आए। सड़क व चौराहे पर रौनक नजर आई। कई लोगों ने मंदिरों में भोजन सामग्री भगवान को अर्पित की। गुड़ तिल भेंट किए गए।