उल्लेखनीय है कि दो साल पूर्व पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए हेमराज मीणा की शहादत के बाद यहां परिजनों को सांत्वना देने राज्य सरकार के कई मंत्री व अधिकारी पहुंचे। मंत्री व अधिकारियों ने परिजनों को ढांढ़स बंधाते हुए शहीद के परिजनों की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। शहीद के भाई रामबिलास मीणा ने बताया कि ढांढ़स बंधाने आए कई मंत्रियों ने मुख्य सड़क से खेत तक बने शहीद के पैतृक घर तक सड़क बनाने का आश्वासन दिया गया था।
उस समय आनन-फानन में खेत तक ग्रेवल सड़क तो बना दी, लेकिन पक्की सड़क दो साल बाद भी नहीं बनी। सांगोद में अदालत चौराहा पर सर्किल बनाकर शहीद की प्रतिमा लगवाने की भी घोषणा की, लेकिन यहां प्रतिमा लगना तो दूर इन दो सालों में प्रशासन निर्माण तक शुरू नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि वोट लेने की बारी आती है तो सब नेताओं को शहीदों की वीर गाथाएं याद आती हैं, लेकिन बाद में कोई शहीद परिवारों की सुध नहीं लेता। इसके विरोध में पूरे परिवार ने इस बार पंचायती राज चुनावों के बहिष्कार का निर्णय लिया है।