इस घटना को डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन शहीद परिवार का दर्द आज भी वैसा ही है जैसे घटना वाले दिन था। शहीद की वीरांगना मधुबाला आज भी अपने पति को याद कर उस दिन को कोसती नजर आती है जब आतंकवादियों ने इस कायराना घटना को अंजाम दिया। आज भी वो अपने पति की तस्वीर के सामने घण्टों तक बैठे उन्हें याद करती है। आंखों के आंसू भले ही सूख गए लेकिन वीरांगना के दिल का दर्द आज भी लोगों की आंखों में आंसू ला देता है। घटना ने वीरांगना की सारी खुशियां छीन ली लेकिन अपने बच्चों के खातिर वो इस दर्द और दुख को भूलकर जीवन जी रही है।