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दर्जनों ज्ञापन दिए
मेडिकल स्टूडेंट्स ने बताया कि पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, हॉस्टल में टॉयलेट, बाथरूम का निकास ब्लॉक है, इससे गंदगी फैली रहती है। मैस में फर्नीचर नहीं होने से खड़े होकर भोजन करना पड़ता है। कॉलेज प्रशासन को दर्जनों बार लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत करा चुके लेकिन आश्वासन देकर टालने का काम किया गया।
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कोटा स्मार्ट, एक साल बाद भी शुरू नहीं हुए 1456 करोड़ के ये कामजनप्रतिनिधियों को भी समस्या से अवगत करा दिया लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। जबकि एमसीआई के नियमानुसार रेजीडेंट चिकित्सकों को आधारभूत सुविधा उपलब्ध करवाना आवश्यक हैं। एमसीआई के नियमों की भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन पालना नहीं कर रहा है।
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रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र सिंडोलिया नेे बताया समस्या का समाधान नहीं हुआ तो पेनडाउन हड़ताल करेंगे। एक दो दिन में मीटिंग कर निर्णय किया जाएगा। दो साल से ज्ञापन दे रहे हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है।
प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा नेे बताया सरकारी व्यवस्थाओं में जो हो सकता है वह प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही एनजीओ से भी समस्या समाधान का प्रयास किया जा रहा है।