उन्होंने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के नाम एक ज्ञापन सौंपकर रामगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने की मांग की। डॉ. गुप्ता ने कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंनें बताया कि मुकुन्दरा हिल्स व रामगढ़ अभयारण्य बाघों के संरक्षण की दृष्टि से अनुकू ल है। मुकन्दरा में शावकों का जन्म भी इस बात को सिद्ध करता है। यहां बाघों को पर्याप्त भोजन व अनुकू ल वातावरण मिल रहा है।
रामगढ़ में भी गत वर्षों में रणथंभौर के बाघों की दस्तक इस बात की ओर इशारा करती है कि यह क्षेत्र उन्हें रास आ रहा है। कोरोना महामारी के चलते व्यक्तियों और वाहनों का आवागमन इन दिनों में काफी कम है। ऐसे में कॉरिडोर के विकास के लिए वह स्थान चिन्हित करना टाइगर की निगरानी एवं संरक्षण की दृष्टि से आसान होगा। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में टाइगर को शिफ्ट करने से सवाईमाधोपुर में पर्यटकों के अधिकभार को भी नियंत्रित किया जा सकता है। सी.सी.एफ आनंद मोहन ने आश्वस्त किया कि वन विभाग इस क्षेत्र में प्रयास कर रहा है।