कोटा

मौसम बदलने के साथ शिक्षा नगरी से लौटने लगे ‘मेहमान’

विभिन्न स्थानों से आते हैं प्रवासी पक्षी हर सालगर्मी बढऩे के साथ ही लौट जाते हैं अपने देश

कोटाFeb 19, 2021 / 07:16 pm

shailendra tiwari

मौसम बदलने के साथ शिक्षा नगरी से लौटने लगे ‘मेहमान’

कोटा. मौसम बदलने के साथ मेहमान पक्षियों की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। कई पक्षी यहां कि यादों को संग लेकर अपने देस की ओर उड़ान भरने लगे हैं तो कुछ अब भरेंगे।
मार्च तक मेहमान व मेजबान एक बार फिर से बिछुड़ जाएंगे। सर्द प्रदेशों में बर्फबारी होने के बाद देश के अन्य प्रांतों व सरहद पार से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी हाड़ौती के जलाशयों की ओर आने लगते हैं। दिसम्बर व जनवरी में तो क्षेत्र के तालाब मेहमान व मेजबानों परिन्दों से चहकने लग जाते हैं।
नेचर प्रोमोटर ए.एच. जैदी के अनुसार अब इनमें से कई स्थानों से पक्षियों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल ही कई जलाशयों पर इनकी संख्या कम होती दिखाई दी है। जलाशयों में मध्य यूरोप, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इंग्लैंड, मंगोलिया, ईरान, साइबेरिया, रूस, चाइना, तिब्बत, नेपाल, हिमालय भारत के लद्दाख समेत अन्य ठंडे प्रदेशों से पक्षी आते हैं।
इनसे चहकते हैं तालाब

ग्रे लेक गूज, नॉर्दन शावलर, नॉर्दन पिनटेल, इरोशियन विजन, गेडवेल, कॉमन टिल, कॉटन टिल, कॉमन पोचार्ड, रेड करस्टेड पोचार्ड, टफ टेड, पोचार्ड, वाइट आई पोचार्ड, बार हैडेड गूज, रूडी शेल्डक, कॉमन कूट, कॉम डक समेत विभिन्न प्रजातियों के पक्षी आते हैं। शहर व आसपास के क्षेत्रों में स्थित अभेड़ा, आलनिया, उम्मेदगंज, बरधा डेम, किशोर सागर, दरा, गिरधरपुरा, सकतपुरा समेत अन्य जलाशय इनसे चहकते हैं।

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