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खनन से कई गांवों का हुलिया बिगड़ा, अब डीएमएफटी के फंड की आई याद

locationकोटाPublished: May 16, 2022 11:24:50 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

कोटा जिले में जगह-जगह हो रहे खनन से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के फंड से अभी तक पर्याप्त सुविधाएं विकसित नहीं की जा सकी हैं।

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कोटा. कोटा जिले में जगह-जगह हो रहे खनन से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के फंड से अभी तक पर्याप्त सुविधाएं विकसित नहीं की जा सकी हैं। पिछले दिनों अवैध खनन का मुद्दा उठने के बाद सोमवार को डीएमएफटी की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर हरिमोहन मीना ने की। बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में 37 ग्राम पंचायतें प्रत्यक्ष रूप से तथा 22 पंचायतें अप्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित हैं। राज्य सरकार के मापदण्डों के अनुसार विभागवार मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए डीएमएफटी फण्ड का उपयोग किया जाएगा। खनन से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ आम नागरिकों को चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, पेयजल जैसी आधारभूत सुविधाएं मिल सके, इसके प्रस्ताव शामिल किए जाएंगे। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, सिलिकोसिस पीडि़तों की सहायता तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, माडा योजना के छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी राज्य सरकार से प्राप्त नियमित बजट के अलावा सुविधाओं के विस्तार में राशि व्यय करने की बात कही। अभी करीब 55 करोड़ की राशि उपलब्ध है।
ये बोले विधायक
– विधायक भरत सिंह ने क्रेशर से पर्यावरण को नुकसान बताते हुए नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने, खान की झौंपडि़यां क्षेत्र में होने वाले खनन से प्राप्त आय को कोटा जिले में भी व्यय करने का प्रस्ताव लेने का सुझाव दिया।
– विधायक रामनारायण मीना ने जिन पंचायतों में खनन कार्य किया जा रहा है, उन्हें खनन क्षेत्र में शामिल करने के लिए डी-नोटिफिकेशन करवाने, प्रस्ताव में जनप्रतिनिधियों के सुझाव शामिल करने की बात कही।
– विधायक संदीप शर्मा ने बरड़ा बस्ती, क्रेशर बस्ती में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करवाने, मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं के विस्तार करने का सुझाव दिया।

एमआरआई मशीन क्रय होगी
बैठक में खनन प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज में एक एमआरआई मशीन को कम मानते हुए एमबीएस चिकित्सालय के लिए भी 13.50 करोड़ की लागत से नवीन एमआरआई मशीन क्रय करने की सहमति दी गई। जिले में 21 विद्यालयों, 13 चिकित्सा संस्थानों में उपकरण क्रय करने, 2 कॉलेजों के भवन निर्माण, वन विभाग के 6 क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार कार्य, 42 ग्राम पंचायतों में आधारभूत सुविधाओं के विकास कार्य, बाल संरक्षण इकाई के 2 छात्रावास, पुलिस विभाग के 3 स्वागत केन्द्र, जनजाति छात्रावास के 2 भवनों तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में 50 आधारभूत सुविधाओं के कार्य प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।
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