पुलिस ने कस्बे में लावारिस हालत में मिली बिहार निवासी 13 वर्षीय नाबालिग को बाल कल्याण समिति बारां के समक्ष पेश किया। जहां काउंसलिंग में बालिका ने बताया कि उसके परिजनों ने उसे एक लाख रुपए में बेचकर उसकी शादी उसकी मर्जी के खिलाफ 7 दिसम्बर को चांवलखेड़ी थाना छबड़ा के बनवारी से करा दी थी।
उसने विरोध किया तो परिजन चांवलखेड़ी से छीपाबड़ौद निवासी गीता सिंह के पास लेकर आ गए और उसे 1 लाख 21 हजार रुपए में बेचकर 24 दिसम्बर को दूसरी बार उसकी शादी छीपाबड़ौद में मुकेश से करा दी थी। मुकेश उसे डरा धमका कर मारपीट करता था। वह मुकेश के घर से बिना बताए गीता सिंह के पास छीपाबड़ौद वापस आ गई। गीता ने उसे मुकेश के घर वापस भेज दिया। वहां से वह उसी रात को भागकर आ गई।
पुलिस ने मारपीट, नाबालिग का परिवहन व दुव्र्यापार, बालकों का किसी प्रयोजन के लिए विक्रय एवं नाबालिग के साथ बलात्कार तथा पोक्सो एक्ट, बाल विवाह प्रतिषोध अधिनियम में दर्ज कर जांच की। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी बनवारी, मुकेश, दलाल त्रिलोक व गीता सिंह और पीडि़ता की मां को गिरफ्तार किया। मामले के अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।