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पायलट के इनकार के बाद फंसा पेंच, कार्यकर्ताओं में बढ़ी बैचेनी..

locationकोटाPublished: Mar 31, 2019 07:26:06 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

…शेष 6 प्रत्याशियों के नामों पर भी मंथन हो चुका है।

kota news

पायलट के इनकार के बाद फंसा पेंच, कार्यकर्ताओं में बढ़ी बैचेनी..

कोटा. चुनाव नजदीक हैं। लोकसभा चुनाव सुगबुगाहट तेज हो गई है। प्रदेश में कई जगह दोनों दलों के बीच में मुकाबले तय हो चुके है लेकिन झालवाड़-बारां सीट से कांगेस की तरफ से उम्मीदवार घोषित न होने से कार्यकर्ताओं में बैचेनी बढ़ गई है। दरअसल 6 सीटों को लेकर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बयान के बाद पेंच फंस गया है। शनिवार को पायलट ने कहा कि शेष 6 प्रत्याशियों के नामों पर भी मंथन हो चुका है। इन बचे हुए नामों में किसी मंत्री का नाम दूसरी सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। पायलट के बयान के बाद यह साफ है कि वसुंधरा राजे के गढ़ में 2014 वाला मुकाबला देखने को नहीं मिलेगा यानि कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया, भाजपा के प्रत्याशी दुष्यंत सिंह को चुनौती देते हुए नहीं दिखेंगे।
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कयासों पर लगा विराम
19 उम्मीदवारों की पहली सूची में झालावड़-बारां का नाम नहीं होने से कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी यहां से उर्मिला जैन की जगह प्रमोद भाया को ही मैदान में उतार सकती है। लेकिन पायलट के बयान के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। चर्चा है कि कांग्रेस यहां से भाजपा के बागी और वसुंधरा राजे के नजदीकी रहे शैलेंद्र यादव पर भी दाव खेल सकती है।
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राजनीतिक पृष्ठभूमि
आजादी के बाद यह सीट सिर्फ झालावाड़ थी, लेकिन 2008 के परिसीमन में झालावाड़ जिले की 4 और बारां जिले की 4 विधानसभा सीटों को मिलाकर झालावाड़ा-बारां संसदीय क्षेत्र का गठन किया गया। यहां अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बीजेपी ने 8 बार जीत दर्ज की। 1989 से लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, वहीं कांग्रेस ने 4 बार, भारतीय जनसंघ ने 2 बार, भारतीय लोकदल ने 1 बार और जनता पार्टी ने 1 बार इस सीट पर कब्जा जमाया।

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