राहुल ने खुद समझाया.. कैसे और किन्हें न्याय योजना के
तहत गरीबों को मिलेंगे 3.60 लाख रुपए
कयासों पर लगा विराम
19 उम्मीदवारों की पहली सूची में झालावड़-बारां का नाम नहीं होने से कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी यहां से उर्मिला जैन की जगह प्रमोद भाया को ही मैदान में उतार सकती है। लेकिन पायलट के बयान के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। चर्चा है कि कांग्रेस यहां से भाजपा के बागी और वसुंधरा राजे के नजदीकी रहे शैलेंद्र यादव पर भी दाव खेल सकती है।
तहत गरीबों को मिलेंगे 3.60 लाख रुपए
कयासों पर लगा विराम
19 उम्मीदवारों की पहली सूची में झालावड़-बारां का नाम नहीं होने से कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी यहां से उर्मिला जैन की जगह प्रमोद भाया को ही मैदान में उतार सकती है। लेकिन पायलट के बयान के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है। चर्चा है कि कांग्रेस यहां से भाजपा के बागी और वसुंधरा राजे के नजदीकी रहे शैलेंद्र यादव पर भी दाव खेल सकती है।
दिग्गजों में होगी जोरदार भिड़ंत लेकिन यहां
दोनों दलों की दुखती रग एक ही है.. राजनीतिक पृष्ठभूमि
आजादी के बाद यह सीट सिर्फ झालावाड़ थी, लेकिन 2008 के परिसीमन में झालावाड़ जिले की 4 और बारां जिले की 4 विधानसभा सीटों को मिलाकर झालावाड़ा-बारां संसदीय क्षेत्र का गठन किया गया। यहां अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बीजेपी ने 8 बार जीत दर्ज की। 1989 से लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, वहीं कांग्रेस ने 4 बार, भारतीय जनसंघ ने 2 बार, भारतीय लोकदल ने 1 बार और जनता पार्टी ने 1 बार इस सीट पर कब्जा जमाया।
दोनों दलों की दुखती रग एक ही है.. राजनीतिक पृष्ठभूमि
आजादी के बाद यह सीट सिर्फ झालावाड़ थी, लेकिन 2008 के परिसीमन में झालावाड़ जिले की 4 और बारां जिले की 4 विधानसभा सीटों को मिलाकर झालावाड़ा-बारां संसदीय क्षेत्र का गठन किया गया। यहां अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बीजेपी ने 8 बार जीत दर्ज की। 1989 से लगातार इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, वहीं कांग्रेस ने 4 बार, भारतीय जनसंघ ने 2 बार, भारतीय लोकदल ने 1 बार और जनता पार्टी ने 1 बार इस सीट पर कब्जा जमाया।