भाजपा कार्यकर्ता का चालान काटने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान 20 फरवरी को थाने में विवाद हो गया था। इस दौरान थाने में पहुंची रामगंजमंडी विधायक चंद्रकांता मेघवाल व उनके पति नरेन्द्र मेघवाल की सीआई श्रीराम बड़सरा से कहासुनी हो गई। नरेन्द्र ने सीआई के गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें विधायक व उनके पति समेत कई कार्यकर्ताओं के चोटें लगी।
इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ थाने में मामले दर्ज करवाए गए थे। एक पक्ष की ओर से विधायक चंद्रकांता मेघवाल, नरेन्द्र पाल मेघवाल व बाबूलाल रैनवाल ने आईपीएस चूनाराम जाट, सीआई श्रीराम बड़सरा व अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए, जबकि सीआई बड़सरा की ओर से विधायक व उनके पति समेत अन्य के खिलाफ और एक मामला उप निरीक्षक कुसुमलता मीणा की ओर से दर्ज कराया गया था।
पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की विधायकों की मांग पर एसपी ने सीआई समेत 5 पुलिस कर्मियों को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया था। वहीं दोनों पक्षों की ओर से दर्ज मामलों की जांच सीआईडी सीबी को सौंप दी थी। इस मामले में अब तक जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है।
सीआईडी सीबी की एएसपी मिताली गर्ग का कहना है कि पुलिस कर्मियों की ओर से दर्ज दोनों मामलों में मौका नक्शा बन गया है। पुलिस कर्मियों के बयान लिए जा रहे हैं, लेकिन दूसरे पक्ष की ओर से अब तक न तो बयान दिए जा रहे न ही मौका नक्शा बनवाने के लिए कोई आया।
विधायक व अन्य लोगों को बार-बार बुलाने के बावजूद यही कहा जा रहा है कि अभी विधानसभा चल रही है। उसमें व्यस्त होने से समय नहीं मिल रहा। विधानसभा चलने तक उन्हें मौका दिया जाए। एएसपी ने बताया कि जांच की शुरुआत ही मौका नक्शा बनाने से होगी, इसके अभाव में जांच आगे नहीं बढ़ सकती।
दहशत या जांच बदलवाने की भी संभावना सूत्रों के अनुसार विधायक व उनके समर्थकों में घटनाक्रम के बाद इतनी दहशत है कि वो थाने जाकर मौका नक्शा बनवाने से भी कतरा रहे हैं। साथ ही, इस मामले की जांच सीआईडी सीबी के स्थान पर सीबीआई से भी करवाई जा सकती है। इस कारण मामले को टाला जा रहा है।