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कलक्टर पर आखिर क्यो बिफरी विधायक कि लोकसभा अध्यक्ष तक को कर दी शिकायत

locationकोटाPublished: Jul 21, 2019 12:50:07 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

controversy गुस्से में तमतमाते हुए कहा ऐसा नहीं चलेगा
 

MLA complained to Speaker Om Birla against Collector treching ground

कलक्टर पर आखिर क्यो बिफरी विधायक कि लोकसभा अध्यक्ष तक को कर दी शिकायत

कोटा. नगर निगम की ओर से रविवार सुबह आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान लाडपुरा विधायक कल्पना देवी लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में ट्रेचिंग ग्राउण्ड शिफ्ट करने को लेकर जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल पर बिफर पड़ी। उन्होंने मंच पर ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से जिला कलक्टर की कार्य प्रणाली को लेकर शिकायत की। कहा कि जिला कलक्टर मेरी उपेक्षा कर रहे हैं।
पौधारोपण कार्यक्रम में सम्बोधन खत्म होने के बाद मंच पर कल्पना देवी पहले से मौजूद थी, जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल मंच गए तो वहीं विधायक ने जिला कलक्टर को घेर लिया और उनके विधानसभा क्षेत्र में ट्रेचिंग ग्राउण्ड शिफ्ट करने का विरोध किया। जिला कलक्टर ने एनजीटी के आदेशों का हवाला दिया तो विधायक बोली मेरी विधानसभा ही कचरे का पहाड़ खड़ा करने के दिए दिखी है आपको, ऐसा नहीं चलेगा। एक बार मुझ से तो पूछ लेते हैं। आप मेरी उपेक्षा कर रहे हैं। मंच से उतरने के बाद भी वे जिला कलक्टर को शिकायत करती रही।
तीन दिन पहले जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के रूपारेल गांव की 39 हैक्टेयर जमीन ट्रेचिंग ग्राउण्ड को देने पर सहमति दे दी थी। इसको लेकर ग्रामीणों ने विधायक कल्पना देवी से शिकायत की थी।
नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने के लिए राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रेक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट ;आरयूआईडीपीद्ध के तहत बालिता में 25 हेक्टेयरए कुन्हाड़ी में 16 हेक्टेयर और नान्ता रोड़ की 16.3 हेक्टेयर जमीन पर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। शहर के विकास को देखते हुए सरकार ने बालिता और कुन्हाड़ी के प्रस्ताव को खारिज कर दियाए लेकिन नान्ता में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थापित करने की मंजूरी दे दी थी।
दो दशकों की अराजकता नगर निगम ने वर्ष में प्राधिकार पत्र हासिल करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आरएसपीसीबी को नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड की डीपीआर सौंपी थीए लेकिन बोर्ड ने जब ट्रेंचिंग ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण किया तो ऑर्गेनिकए रीसाइकल और बायोमेडिकल वेस्ट की छंटनी न करनेए वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित न करनेए हाइवे के समानान्तर मीटर जगह न छोडऩे और ट्रेंचिंग ग्राउंड के चारों ओर ग्रीन बेल्ट तैयार न करने समेत 32 खामियां मिली।
बोर्ड ने इन खामियों को सुधारने बिना निगम को प्राधिकार पत्र जारी करने से साफ इन्कार कर दियाए लेकिन निगम ने आरएसपीसीबी से प्राधिकार पत्र हासिल किए बगैर ही यहां कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड की मियाद महज 14 साल थीए लेकिन इसकी मियाद पूरी होने के तीन साल बाद भी निगम न तो प्राधिकार पत्र हासिल कर सका और ना ही एक भी खामी दुरुस्त कर सका।
आप को बता दे की रूपारेल गांव की 39 हेक्टेयर जमीन पर बनने जा रहा नया ट्रेंचिंग ग्राउंड को जिला कलक्टर ने हरी झंडी दे दी है। नान्ता में 16 साल से अवैध चल रहे ट्रेंचिंग की भयवाहता का खतरा लोगो के सिर मंडरा रहा था ।
जिला प्रशासन ने रूपारेल गांव में नए ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन चिन्हित कर ली। 39 हेक्टेयर इलाके में फैला नया ट्रेंचिंग ग्राउंड बेहद आधुनिक होगा। कूड़े का तरीके निस्तारण होने के कारण यहां नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड जैसा कूड़े का पहाड़ खड़ा नहीं हो सकेगा।
नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने के लिए राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रेक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के तहत बालिता में 25 हेक्टेयर, कुन्हाड़ी में 16 हेक्टेयर और नान्ता रोड़ की 16.3 हेक्टेयर जमीन पर ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। शहर के विकास को देखते हुए सरकार ने बालिता और कुन्हाड़ी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन नान्ता में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थापित करने की मंजूरी दे दी थी। दो दशकों की अराजकता नगर निगम ने वर्ष में प्राधिकार पत्र हासिल करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) को नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड की डीपीआर सौंपी थी,
लेकिन बोर्ड ने जब ट्रेंचिंग ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण किया तो ऑर्गेनिक, रीसाइकल और बायोमेडिकल वेस्ट की छंटनी न करने, वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित न करने, हाइवे के समानान्तर मीटर जगह न छोडऩे और ट्रेंचिंग ग्राउंड के चारों ओर ग्रीन बेल्ट तैयार न करने समेत 32 खामियां मिली।
बोर्ड ने इन खामियों को सुधारने बिना निगम को प्राधिकार पत्र जारी करने से साफ इन्कार कर दिया, लेकिन निगम ने आरएसपीसीबी से प्राधिकार पत्र हासिल किए बगैर ही यहां कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड की मियाद महज 14 साल थी, लेकिन इसकी मियाद पूरी होने के तीन साल बाद भी निगम न तो प्राधिकार पत्र हासिल कर सका और ना ही एक भी खामी दुरुस्त कर सका।
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