समन्वय बैठक में पार्षद नरेंद्र हाड़ा ने केईडीएल के अफसरों पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए आपराधिक किस्म के लोगों को नौकरी पर रखने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। जवाब में केईडीएल के सीओओ अभिजॉय सरकार ने किसी भी संविदा कर्मी को हटाने से इनकार कर दिया।
बैठक के दौरान कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी भड़क गए। उन्होंने पहले हुई कई बैठकों का हवाला देते हुए कहा कि केईडीएल के अफसर हर बार आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन डेढ़ साल से हालात सुधरने के बजाय और ज्यादा बद्तर होते जा रहे हैं। जनता के गुस्से को संभालकर रखना बेहद मुश्किल हो रहा है।
इसके बाद वह सीधे मेंटिनेंस हेड अंजन मित्रा की ओर मुखातिब होते हुए बोले कि मित्रा जी ये कोलकता नहीं कोटा है। जनता एक बार भड़क गई तो दफ्तर में भी सिर छिपाने के लिए जगह नहीं मिलेगी। इसलिए भलाई इसी में है कि मानसून आने से पहले अघोषित कटौती पूरी तरह बंद कर दी जाए।
बैठक खत्म होने के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तीखे विवाद में बदल गया। सांसद ओम बिरला और विधायक संदीप शर्मा के सभागार से बाहर निकलते ही नरेंद्र हाड़ा समेत कई पार्षदों ने केईडीएल के अफसरों को घेर लिया और जमकर गाली गलौज कर डाली।