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पार्षदों ने KEDL अफसरों को घेरा, विधायक ने फटकारा – मुगालते में मत रहना ये kolkata नहीं Kota है

locationकोटाPublished: Jun 25, 2018 08:40:07 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

निजी विद्युत वितरण कंपनी की अव्यवस्थाओं से आजिज आए जनप्रतिनिधियों का सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा। पार्षदों ने केईडीएल के सीओओ अभिजॉय सरकार और मेंटिनेंस हैड अंजन मित्रा को घेर जमकर गाली गलौज की।

MLA and parshad Annoying for power cuts

MLA and parshad Annoying for power cuts

कोटा. निजी विद्युत वितरण कंपनी की अव्यवस्थाओं से आजिज आए जनप्रतिनिधियों का सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा। सांसद की समन्वय बैठक खत्म होते ही पार्षदों ने केईडीएल के सीओओ अभिजॉय सरकार और मेंटिनेंस हैड अंजन मित्रा को घेर जमकर गाली गलौज की। बैठक से जा चुके सांसद ओम बिरला को अफसरों को बचाने के लिए फिर से वापस लौटना पड़ा।

समन्वय बैठक में पार्षद नरेंद्र हाड़ा ने केईडीएल के अफसरों पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए आपराधिक किस्म के लोगों को नौकरी पर रखने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। जवाब में केईडीएल के सीओओ अभिजॉय सरकार ने किसी भी संविदा कर्मी को हटाने से इनकार कर दिया।
गुस्साए भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट मीटर लगाने और मेंटिनेंस के काम के लिए केईडीएल का विरोध करने वाले कांग्रेसियों समेत तमाम दबंगों को भी नौकरी पर रखने का आरोप लगाया तो निजी बिजली कंपनी के अफसरों ने पूरे मसले पर चुप्पी साध ली।
वि‍धायक संदीप शर्मा भी भड़के
बैठक के दौरान कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी भड़क गए। उन्होंने पहले हुई कई बैठकों का हवाला देते हुए कहा कि केईडीएल के अफसर हर बार आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन डेढ़ साल से हालात सुधरने के बजाय और ज्यादा बद्तर होते जा रहे हैं। जनता के गुस्से को संभालकर रखना बेहद मुश्किल हो रहा है।

इसके बाद वह सीधे मेंटिनेंस हेड अंजन मित्रा की ओर मुखातिब होते हुए बोले कि मित्रा जी ये कोलकता नहीं कोटा है। जनता एक बार भड़क गई तो दफ्तर में भी सिर छिपाने के लिए जगह नहीं मिलेगी। इसलिए भलाई इसी में है कि मानसून आने से पहले अघोषित कटौती पूरी तरह बंद कर दी जाए।
MLP and parshad Annoying for power cuts
मारपीट की आई नौबत
बैठक खत्म होने के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तीखे विवाद में बदल गया। सांसद ओम बिरला और विधायक संदीप शर्मा के सभागार से बाहर निकलते ही नरेंद्र हाड़ा समेत कई पार्षदों ने केईडीएल के अफसरों को घेर लिया और जमकर गाली गलौज कर डाली।
नौबत मारपीट तक की आ गई। हालात बिगडऩे की जानकारी मिलते ही सांसद भागे-भागे सभागार में आए और बिजली कंपनी के अफसरों को पार्षदों के बीच से निकाल कर अपने साथ ले गए। तब जाकर उनकी मुसीबत टली।
इस दौरान पार्षदों और पीडि़तों ने बिजली के बिल कई गुना ज्यादा आने, पार्क और मंदिरों में भी मीटर लगाने, अघोषित कटौती किए जाने, घंटों तक फॉल्ट अटेंड न किए जाने, कॉल सेंटर से भ्रामक सूचनाएं देने और अफसरों के कोई सुनवाई न करने जैसी शिकायतें की।
हालांकि पूरे समय केईडीएल के अफसर चुप्पी साधे बैठे रहे। इस दौरान महापौर महेश विजय, पार्षद गोपाल मांडा, रमेश अहूजा और बाल चंद्र शर्मा समेत कई पार्षद मौजूद रहे।

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