उन्होंने कहा कि परीक्षा जिंदगी नहीं है, परीक्षा एक मुकाम है। हमें पूरे विश्वास के साथ आगे बढऩा है। हम कह सकते हैं कि आने वाला कल आपका है, हिंदुस्तान का है। जीवन में बदलाव लाए, हम आज तक उस परिपाटी पर चलते आ रहे है कि सामने वाला क्या कर रहा है, हम भी वहीं करते है, लेकिन इस परिपाटी को छोड़कर जीवन की राह हमें खुद चुननी है। इससे ही जीवन में बदलाव आएंगे।
मोदी ने परीक्षा तनाव मुक्ति पर विद्यार्थियों को बताया कि परीक्षा ही जीवन का एक मात्र महत्वपूर्ण पड़ाव नहीं है, बल्कि पाठ्यतेर गतिविधियां भी जीवन में बहुत उपयोगी है। अभिभावकों को विद्यार्थियों पर अनावश्यक दबाव न बनाकर शिक्षणेत्तर गतिविधियों से भी जोडऩा चाहिए। जीवन में राहें अपने आप निकल जाएगी।
जोश और मेहनत से आगे बढ़ते रहे। कर्तव्य का पालन करें। परीक्षा से चर्चा कार्यक्रम में कोटा से भी तीन बच्चों का चयन हुआ था। केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-एक से कक्षा 12वीं की छात्रा प्रियंका चौधरी ने उसमें हिस्सा लिया।