व्यापारियों ने बताया कि नालियां जाम होने से पानी दुकानों के आगे सड़क किनारे भरा हुआ है। इसमें मच्छर पनप रहे हैं। दिनभर दुर्गंध उठती रहती है। सफाई के बाद नालों के ढकान ऐसे ही छोड़ देने से कचरा पड़ा हुआ है। व्यापारियों ने नगर निगम, नगर विकास न्यास व जिला कलक्टर तक कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
व्यापारी भगवानदास आसवानी ने बताया कि दो माह से नगर निगम व न्यास के चक्कर काट रहे हैं। दोनों विभाग एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। महापौर राजीव अग्रवाल को भी मौके पर बुलाकर हालात दिखाए। उन्होंने नाले की सफाई के लिए बुलडोजर व कर्मचारी भेजे, लेकिन बुलडोजर नाले के ढकान तोड़कर चला गया और सफाई भी नहीं हुई।
मोहन टॉकिज व्यापार महासंघ अध्यक्ष सतीश गांधी ने बताया कि दुकानों के बाहर गंदगी व कीचड़ की समस्या से दुकानदार परेशान हैं। इन दुकानों पर ग्राहक भी नहीं आ पाते। नाले के ढकान तोड़कर ऐसे ही छोड़ देने से यहां से निकलना मुश्किल है। दुकानों के आगे चैम्बर खुले पड़े है। शहर में वैसे ही डेगूं फैला हुआ है, लेकिन प्रशासन को यहां गंदगी नहीं दिखती।