सूत्रों के अनुसार पार्क मेंं किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।पार्क से बाहर भी सतर्कता दिखाई जा रही है। पार्क में प्रवेश से पहले पूरी जानकारी ली जा रही है। बाघिन को शनिवार को अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। शनिवार को वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक पराग निगम की मौजूदगी में बाघिन को ट्रंकोलाइज कर उपचार किया था।
बाघिन की आसानी से देखरेख हो सके, इसे देखते हुए इसे टाइगर रिजर्व से अभेड़ा में लगाया गया था। सूत्रों की मानें तो बाघिन स्वस्थ्य होने में अभी समय लग सकता है। उधर दूसरी ओर जंगल में बाघ एमटी-1 का सोमवार को भी पता नहीं चला। मॉनिटरिंग जारी है।