कोटा

यहां मानसून की बेरुखी दे रही है राहत

बरसात को हाहाकार मचा है, किसान और आमजन चिंता में हैं। फसलें खत्म होने के कगार पर है। लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जहां कुदरत की इस नाइंसाफी में भी सुकून बरस रहा।

कोटाJul 24, 2019 / 12:49 am

Dhitendra Kumar

यहां मानसून की बेरुखी दे रही है राहत

कोटा.
जिले को छोडिय़े, पूरे प्रदेश में बरसात को हाहाकार मचा है, किसान और आमजन चिंता में हैं। फसलें खत्म होने के कगार पर है। श्रद्धा के साथ घास भैरू की शरण हैँ, और भी कई टोने टोटके हो रहे, लेकिन इस सबके बीच एक वर्ग ऐसा भी है जहां कुदरत की इस नाइंसाफी में भी कुछ न्याय होता दिख रहा, सुकून बरस रहा। बात तो हम रामगंजमंडी क्षेत्र की लाइम स्टोन खदानों की कर रहे हैं लेकिन सुकून क्यों मिल रहा इसकी भी अपनी कहानी है।
रामगंजमंडी लाइम स्टोन खदानों से ओवरलोड पत्थर परिवहन पर जुर्माना राशि निकालने के परिवहन विभाग के आदेश से खदानों में उत्पादन एक माह तक प्रभावित रहा, कई खदानों की पेटियां पूरी तरह से नहीं कट पाई थी। लेकिन, मानसून की देरी ने ऐसी खदानों का उत्पादन कार्य इन दिनों बढ़ा दिया है। रामगंजमंडी क्षेत्र की लाइम स्टोन खदानों में सामान्यत: अगस्त माह के अंतिम दिनों व सितम्बर माह की शुरूआत में उत्पादन गति पकड़ लेता है। खदानों से सीधे फैक्ट्रियों में पत्थर परिवहन कार्य करने वाले ट्रक 14 से 15 टन वजन लेकर जाते थे। 31 मार्च को परिवहन विभाग ने अंडरलोडिंग पर शास्ति आरोपित की तो करीब 900 से ज्यादा ट्रक मालिक इसकी चपेट में आए। एक अरब से अधिक की राशि आरोपित होने से पत्थर लदान कार्य ट्रक मालिकों ने बंद करा दिया। खदानों में उत्पादन बंद हो गया। खदान संचालक व ट्रक यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों का समूह परिवहन मंत्री, खान मंत्री के बाद मुख्यमंत्री से मिला तो सरकार ने आरोपित शास्ति पर पुनर्विचार करने का आदेश निकालते हुए वसूली पर फिलहाल रोक लगा दी। परिवहन विभाग की इस सख्ती के बाद लाइम स्टोन की कुछ खदानों से सीधे पोलिश फैक्ट्रियों में आने वाले पत्थर की अंडरलोडिंग अनिवार्य कर दी गई। इसका असर उत्पादन कार्य पर दिखाई दिया। कई खदानों में प्रतिवर्ष कटाई की जाने वाली पेटियों के अधूरे छूटने की संभावना बना दी। जून में बरसात हुई तो खदानों की कई पेटियां तीसरी व बिचली थर पर थी। बरसात ने उत्पादन कार्य बंद भी कराया लेकिन खदान संचालकों ने बरसाती पानी की निकासी कराकर उत्पादन कार्य शुरू करा दिया। अब बरसात की बेरुखी ऐसे खदान मालिकों के लिए राहत लेकर आई है। खदानों में उत्पादन कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
सामान्यत: जुलाई में ठप हो जाता है कामकाज
रामगंजमंडी में अमूमन जून माह से बरसात की शुरूआत हो जाती है। कई सालों में बरसात इतनी तेज भी हुई कि जब जून से बंद उत्पादन कार्य दुबारा शुरू नहीं हुआ। इस साल बरसात ज्यादा नहीं होने से खदान संचालक को सकून मिला है।

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