Gandhi Sagar Dam गांधी सागर बांध के पांच स्लूज गेट खोलकर और Rana Pratap Sagar Dam के चार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। शाम 5 बजे गांधी सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1312 के मुकाबले 1306 फीट था। यहां पर 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157. 50 फीट के मुकाबले 1155.02 है। यहां पर 53 हजार 400 क्यूसेक पानी की आवक हो रही। जवाहर सागर बांध का जलस्तर 972, 80 फीट था। यहां पर 12419 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। इतना ही पानी पनबिजलीघर से विद्युत उत्पादन कर छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज का जलस्तर 851.20 फीट था।
Jhalawar जिले में कालीसध बांध के सात गेट खोलकर 82 हजार 096 क्यूसेक, छापी बांध के चार गेट खोलकर 8262 क्यूसेक व भीमसागर बांध का एक गेट खोलकर 1500 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। चंवली बांध पर 25 सेमी चादर तो गागरीन बांध पर तीन फीट की चादर चल रही हैं।
Bundi में सहन पंचायत मुख्यालय पर बिहारीपुरा-सहन रास्ते की पुलिया माछली बांध पर चादर चलने से बहाव के कारण बह गई। ग्रामीणों का इस रास्ते से आवागमन बंद हो गया।
Kota city में अलर्ट, निचले इलाकों में सतर्कता बढ़ाई
देर रात Kota Barrage से 13 गेट खोलकर पानी की निकासी की गई
Chambal river के गांधी सागर बांध से मंगलवार शाम को साढ़े सात बजे 1 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू होने के साथ ही कोटा प्रशासन अलर्ट हो गया। राणा प्रताप सागर बांध व जवाहर सागर बांध के कैचमेंट में लगातार बारिश होने के कारण कोटा बैराज में देर रात पानी की आवक बढ़ गई। इस कारण प्रशासन से तीन लाख क्यूसेक पानी की निकासी की तैयार कर ली। रात पौने 11 बजे पांच से बढ़ाकर 13 गेटों से 1 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी की निकासी गई। फिर इसे बढ़ाया गया। वहीं निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया।
अतिरिक्त कलक्टर शहर बृजमोहन बैरवा ने बताया कि बैराज से ज्यादा पानी की निकासी होने पर निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। मथुराधीशजी के घाट के पास माताजी के द्वार के मध्य में, जामा मस्जिद के पास वाले खरंजा की सीढ़ी के ऊपर, शारदा घाट के पास, जानाना घाट के सामने ऊपर वाली सीढ़ी के चबूतरे तक, कर्बला क्षेत्र में मकान नंबर 27 की दूसरी सीढ़ी तक और रोड बस अड्डे के पास पुलिया में पानी आने की संभावना है। यहां के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है।
जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने रात में निचले इलाकों में जाकर निरीक्षण किया। नगर निगम को पानी भराव वाले क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। इसके बाद निगम ने लोगों को सतर्क किया। जिला कलक्टर के अनुसार कोटा बैराज से ज्यादा पानी छोडऩे पर निचली बस्तियों से लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली गई है।