कोटा के उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद जयपुर डिस्कॉम ने पिछले दिनों कोटा इलेक्ट्रीसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) को शहर के उपभोक्ताओं को तत्काल मासिक बिल भेजने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी है कि अगर इसे लागू नहीं किया गया तो केईडीएल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश की पालना में केईडीएल ने इस साल बिल माह दिसम्बर से इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि विद्युत विनियामक आयोग ने 28 मई 2018 को जारी आदेश में दो महीने की जगह मासिक बिल व्यवस्था को 19 सितम्बर 2018 से पहले अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा था। आयोग ने नई बिलिंग व्यवस्था लागू करने के बाद इस बारे में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए लागू नहीं करने पर बिजली कम्पनियों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि मासिक बिल व्यवस्था लागू होने से उपभोक्ताओं पर बिजली की बिल राशि का बोझ कम होगा।
जयपुर डिस्कॉम के संभागीय मुख्य अभियंता कोटा संभाग क्षेमराजसिंह मीणा ने बताया कि मासिक बिल व्यवस्था लागू होने के बाद उपभोक्ताओं पर बिजली बिल राशि का बोझ कम होगा। इसके साथ ही उपभोक्ता अपने बिजली उपयोग पर भी नजर रख सकेंगे। उन्होंने बताया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से पूर्व में षुरू की जा चुकी मासिक बिलिंग के दौरान उपभोक्ताओं में भ्रांति थी कि मासिक बिलिंग में भी उपभोक्ताओं से स्थाई षुल्क, विद्युत षुल्क, जल संरक्षण कर व नगरीय उपकर आदि दो महीने की बिलिंग के बराबर ही वसूले जाएंगे, लेकिन जयपुर डिस्कॉम ने इस भ्रांति को उसी समय दूर कर दिया था। केईडीएल की और से षुरू की जा रही मासिक बिलिंग की नई व्यवस्था में भी अब दो महीने की जगह, एक महीने के बिजली उपयोग के हिसाब से विद्युत शुल्क, जल संरक्षण कर व नगरीय उपकर लिए जाएंगे। दो महीने के बिल में लगने वाली स्थाई शुल्क की राषि एक महीने के बिल में आधी ही रह जाएगी। इसी तरह विद्युत षुल्क 40 पैसे प्रति यूनिट, जल संरक्षण 10 पैसे प्रति यूनिट व नगरीय उपकर 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से लिया जाता है, जो एक महीने में उपभोग की गई यूनिट्स के आधार पर ही लिया जाएगा।