पुलिस ने जब नंदनी के बारे में जानकारी जुटानी चाही तो दादा-दादी के साथ भेजने, बस स्टैंड पर छोडऩे सहित प्रेमी प्रहलाद व टीना ने पुलिस को अलग-अलग बात बताकर गुमराह किया। जब गहनता से पूछताछ की तो प्रेमी प्रहलाद ने हत्या की बात कबूली। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच टीम में थाना अधिकारी अविनाश कुमार, हैड कांस्टेबल सुरेशचंद वर्मा, सतपाल, प्रहलाद, पूरणसिंह, महिला कांस्टेबल माली जांच टीम ने शामिल रही।
पुलिस ने गहनता से जांच शुरू की तो दोनों टूट गए। पूछताछ में बताया कि 9 दिसम्बर 2020 को मासूम नंदनी खेलते हुए छत की सीढिय़ों से गिर गई थी। इससे वह गंभीर घायल हो गई, दोनों ने नंदनी को ले जाकर शाहपुरा के चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने जयपुर रैफर कर दिया, लेकिन प्रहलाद व टीना उसे वापस घर ले आए। प्रेमी प्रहलाद मासूम के इलाज के लिए रुपए खर्च नहीं करना चाहता था। इस पर दोनों ने मिलकर 11 दिसंबर 2020 की रात को मासूम के मुंह को शॉल से दबाकर उसकी हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जंगल में फेंक दिया।
प्रेमी प्रहलाद के संग मिलकर मासूम नंदनी की हत्या करने के बाद भी मां का कलेजा नहीं पसीजा और हत्या को छुपाने के इरादे से अलवर स्थिति सरिस्का जंगल में मासूम को फेंक आई और प्रेमी के साथ आराम से रहने लग गई।
टीना उर्फ पुष्पा बूढ़़ादीत थाना क्षेत्र के बोरखेड़़ा निवासी पति सुमित के साथ रह रही थी। इसी दौरान जयपुर जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के उदावला निवासी प्रहलाद सहाय के गलती से पुष्पा का कॉल लग गया। रोंग नंबर से शुरू हुई बात धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। इसके बाद 11 नवंबर 2020 को प्रेमी प्रहलाद के कहने पर मासूम नंदनी को साथ लेकर जयपुर चली गई। उसके साथ रहने लग गई।