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कुछ कर गुजरने की तमन्ना
बकौल आजाद, ‘आर्थिक समस्या व पारिवारिक जिम्मेदारियों ने कम उम्र में ही मुझे पैसे कमाने के लिए विवश कर दिया, लेकिन मेरा सपना था कि कुछ ऐसा करूं जिससेसमाज और देश को भी उसका फायदा मिले। दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए दोस्तों के कहने पर सन 2011 में कोटा आया। उस समय सिर्फ 12वीं पास था तो अ’छी जॉब मिलना मुश्किल थी, पर हार नहीं मानी और कई जगह जॉब ढूंढी। उन दिनों ऐसे बहुत से दिन आए की भूखे ही दिन और रातें निकली।
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दोस्त मिला, बढ़ा लिए कदम… जब काम शुरू किया तो कोटा सहित अन्य शहरों से युवा लेखकों के पुस्तक प्रमोट करने व पब्लिक करने के लिए कॉल और मैसेजेस आने लगे। ऐसे में कई साहित्यिक संस्थाओं से बात की, लेकिन एक भी ऐसी नहीं मिली जो नए और युवा लेखकों को प्रमोट करती हो। तब ख्याल आया कि क्यों ना ऐसी संस्था बनाई जाए जो नए और युवा लेखक को प्रमोट कर सके। इसके लिए मैंने करीबी दोस्त जबलपुर के अमित चौकसे से बात की। फि र दोनों ने मिलकर रीडर्स चैम्प एसोसिएशन बनाई।
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जॉब छोड़ी, बढ़ा आत्मविश्वास.. जॉब छोड़कर जब ये काम शुरू किया तो दो महीनों तक कोई रिस्पांस नहीं मिला। हमनें देशभर के सभी प्रकाशक और लेखकों को चैम्प रीडर्स एसोसिएशन के मकसद के बारे में बताया। इसके बाद दो प्रकाशकों ने हमें पुस्तक विमोचन कार्यक्रम करने का अवसर दिया। ये दोनों कार्यक्रम कोटा शहर में हुए। इससे आत्मविश्वास बढ़ गया। जयपुर , जोधपुर , उदयपुर , भोपाल, कानपुर सहित कई शहरों में पुस्तक विमोचन और कॉलेज में मोटिवेशनल टॉक शो किए।
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आ चुके कई सेलिबे्रट्री
एसोसिएशन के कार्यक्रमों में कई सेलिब्रेट्री लेखक आ चुके। इनमें अमीश त्रिपाठी, रविंदर सिंह, दुर्जोय दत्ता, सुदीप नागरकर, निकिता सिंह, सवी शर्मा, भावना अरोरा, क्रिस्टोफ र चाल्र्स डॉयल, सुमृत शाही शामिल हैं।