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डॉ. आम्बेडकर की मूर्ति को पिंजरे से किया आजाद लेकिन विवाद के बाद

locationआगराPublished: Apr 13, 2018 10:05:00 am

Submitted by:

Bhanu Pratap

जिले में पहले भगवा रंग की मूर्ति लगाई थी। विवाद होने पर इसे नीला कर दिया। एक मूर्ति को पिंजरे में कैद किया, विवाद हुआ तो पिंजरा हटा दिया।

BR ambedkar

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की मूर्ति से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी हाल ही में डॉ. आम्बेडकर की भगवा रंग की प्रतिमा लगाने पर विवाद हुआ था। यह विवाद थम भी नहीं पाया था कि आंम्बेडकर की मूर्ति पर दूसरा विवाद शुरू हो गया। डॉ. आंबेडकर की मूर्ति को पिंजरे में कैद कर दिय गया था। इस पर विवाद हुआ तो डॉ. आंबेडकर की मूर्ति को पिंजरे से मुक्त कर दियागया। डॉ. आंबेडकर की मूर्ति के चारों ओर से जाली हटा दी है। ताजा मामला शहर के गद्दी चौक स्थित आम्बेडकर पार्क का है। यहां अम्बेडकर की प्रतिमा को सुरक्षा की दृष्टि से लोहे के पिंजरे में कैद कर दिया गया था। यह सब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती से ठीक पहले हो रहा है।
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भगवा से नीली हुई आम्बेडकर की मूर्ति

भगवा मूर्ति बनी थी चर्चा का विषय

बाबा साहब डॉ. आम्बेडकर की प्रतिमा से जुड़े विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी हाल ही में बदायूँ के दुगरैया में आम्बेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद वहां पर नई मूर्ति लगाई गई थी, लेकिन नई मूर्ति भगवा रंग की होने के कारण चर्चा का विषय बन गयी। बाद में उस मूर्ति को नीले रंग से रंगा गया। खास बात यह है कि यह मूर्ति बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष ने लगवाई थी। उन्होंने यह मूर्ति आगरा में बनवाई थी। उन्हीं के सामने मूर्ति की स्थापना की गई। जब लोगों ने भगवा रंग की मूर्ति देखी तो टिप्पणी शुरू कर दी है। इसके बाद मूर्ति का रंग नीला किया गया था।
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अब पिंजरे में कैद किए गए आम्बेडकर

क्या पिंजरे से होगी सुरक्षा

अब ताजा मामला बदायूँ के गद्दी चौक का है, जहाँ पर एक छोटे से पार्क में आम्बेडकर की मूर्ति लगी हुई है। पुलिस ने आम्बेडकर की मूर्ति को लोहे के पिंजरे में कैद करा दिया था, ताकि सुरक्षित रहे। मूर्ति की सुरक्षा के लिए होमगार्ड भी तैनात किया गया था। मीडिया में मामला सामने आने के बाद अब आम्बेडकर की मूर्ति को पिंजरे से मुक्त कर दिए गया है। यह मामला लोगों में चर्चा का विषय तब बना, जब आंबेडकर की मूर्ति को जाली लगाकर बंद कर दिया गया था। साथ ही लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब महापुरुषों की मूर्तियां की सुरक्षा पिंजरे में कैद करके ही होगी?
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