scriptविज्ञापन एजेन्सियों के अागे झुका निगम, अब नियमित हाे जाएंगे अवैध होर्डिंग्स | Municipal corporation will regular illegal hoardings | Patrika News

विज्ञापन एजेन्सियों के अागे झुका निगम, अब नियमित हाे जाएंगे अवैध होर्डिंग्स

locationकोटाPublished: Dec 09, 2017 05:06:33 pm

Submitted by:

ritu shrivastav

छतों के अवैध होर्डिंग्स की राशि को लेकर राजस्व समिति के फैसले को महापौर ने बदला, हटाने की बजाए नियमित कर दिए होर्डिंग्स।

Illegal hoarding and unipole, Municipal corporation, Revenue recovery, Political pressure, Corporation commissioner, Advertising agency, Revenue section, Congress party, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika

अवैध होर्डिंग्स

कोटा . शहर में छतों पर लगे होर्डिंग्स को नगर निगम हटाने के बजाए उन्हें नियमित करने जा रहा है। जबकि विज्ञापन एजेन्सियों के दबाव में शुल्क बढ़ोतरी न कर शुल्क घटा दिया। इस मामले में निगम बैकफुट पर आ गया। पिछले दिनों राजस्व समिति की बैठक में कोचिंग छात्रों से एक हजार रुपए प्रति विद्यार्थी सालाना सफाई शुल्क वसूल करने का निर्णय किया गया था।
यह भी पढ़ें

OMG: ट्रैफिक रूल्स के बारें में ये क्या कह गए जिला प्रभारी मंत्री

पहले भी झुका नगर निगम

विवाद और आंदोलन होने पर निगम को सफाई शुल्क के मसले पर बैकफुट पर आना पड़ा। महापौर ने दखल कर शुल्क खत्म करने का एेलान किया था, हालांकि हाल ही बैठक के जारी किए गए मिनट्स में छात्रों से शुल्क लेने का निर्णय अंकित है। इस समिति की बैठक में छतों पर लगे होर्डिंग्स को नियमित करने तथा 100 रुपए प्रति वर्गफीट की राशि लेने का निर्णय हुआ था, लेकिन महापौर ने शुक्रवार को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए समिति के निर्णय को बदल दिया। यह शुल्क घटाकर 75 रुपए प्रति वर्गफीट कर दिया है।
यह भी पढ़ें

खुशखबरी: जानिए कोटा संभाग में कहां-कहां बनेगी नई सड़कें

बोर्ड बैठक में उठाएंगे

इसे लेकर राजस्व समिति अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह निर्णय निगम हित में नहीं है। इस मसले को बोर्ड बैठक में उठाएंगे।
यह भी पढ़ें

चश्मदीद बहन ने कहा: बाजी ने बचने की कोशिश की, घटपटाई लेकिन साबिर से बच नहीं पाई

विपक्ष के निशाने पर महापौर

महापौर को नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के पार्षदों ने भी निशाने पर लिया है। प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका ने कहा कि एक तरफ तो महापौर व आयुक्त राजस्व बढ़ोतरी के लिए आए दिन आम जनता से नए-नए शुल्क लगाने की तैयारी में हैं, वही होर्डिंग कंपनियों पर मेहरबानी करते हुए उन्हें 25 रुपए कम करते हुए बड़ी राहत प्रदान कर दी, इसके पीछे क्या कारण है। समिति सदस्य व कांग्रेस पार्षद दिलीप पाठक ने कहा कि समितियों को अधिकार नहीं तो भंग कर देना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो