सोमवार रात देशभर से आए ख्यातनाम शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी। शेर-शायरी के जरिए व्यंग्य के बाण छोड़ श्रोताओं को खूब गुद्गुदाया। रामपुर से आए ताहिर फराज ने बहुत खूब सूरत हो तुम, कभी मैं जो कह दंू मोहम्मद है तुमसे तो गलत ना समझना, मेरी जरूरत हो तुम…, अंबर की ये उंचाई, धरती की यह गहराई, तेरे मन में है समाई, माईं ए तेरा मन अमृत का प्याला, यहीं काबा यहीं इशुबाला तेरी ममता जीवनदायी…सुनाकर मां की महिमा बताई।
भोपाल के विजय तिवारी ने खेल खिलौने ले जा बाबू मुन्ना दिल बहला लेगा तेरा…, सदियों से ये काम किसी ने नहीं किया, मजदूर को सलाम किसी ने नहीं किया, भूखों पर सियासत तो सबने की मगर रोटी का इंतजाम किसी ने नहीं किया… पर जमकर वाहवाही लूटी।
शायर अलताफ जिया ने तुम मुझको अपना बना चुकी हो क्या…मेरे बारें में जानती हो क्या…, मैंने अपने दिल को जलाना छोड़ दिया, उसकी गली में जाना छोड़ दिया…, जख्म तेरी यादों के हरे हो जाते हैं इसलिए मेले में जाना छोड़ दिया…सरीखी शायरी सुनाकर जमकर तालियां बटोरी। शायर अली बाराबंकी, वारीस वारिसी नवीन नीर, नूर आलम इंदौरी, शकील आजमी व रेहान फारूकी ने शायरी पेश की। देर रात तक श्रोता डटे रहे।
शायरों का हुआ सम्मान
नगर निगम कोटा की ओर से विजयश्री रंगमंच पर देशभर से आए शायर व शायराओं को नवाजा गया। विजयश्री रंगमंच पर अतिथि डॉ. साकेत गोयल ने कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य मेला अधिकारी व आयुक्त जुगलकिशोर मीना, अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेमशंकर शर्मा ने अतिथियों व शायरों का अभिनंदन किया। महापौर महेश विजय, मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा, समिति सदस्य नरेंद्रसिंह हाड़ा सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।