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गौ पालन महका रहा मुस्लिम परिवारों का गुलिस्ता

locationकोटाPublished: Apr 12, 2017 11:06:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

गायों को लेकर इन दिनों देश में राजनीति चरम पर है। चंद असामाजिक तत्व गायों की तस्करी को सम्प्रदाय विशेष के लोगों से जोड़कर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।

गायों को लेकर इन दिनों देश में राजनीति चरम पर है। चंद असामाजिक तत्व गायों की तस्करी को सम्प्रदाय विशेष के लोगों से जोड़कर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। हालांकि कुछ सम्प्रदाय विशेष के लोग इसमें शामिल हो सकते हैं लेकिन आज भी कई मुस्लिम परिवार ऐसे हैं जो बरसों से ना केवल गायों को पाल रहे हैं बल्कि उनकी पूरी सार संभाल भी करते हैं। यह लोग भले ही गायों को मां कहकर नहीं बुलाते हों लेकिन एक मां की तरह सेवा में भी कोई कमी नहीं रखते। 
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क्षेत्र के अमृतखेड़ी व पामलाखेड़ी मुस्लिम बाहुल्य गांवों में आज भी कई मुस्लिम परिवारों में किसी के पास पांच से छह तो किसी के पास इससे भी ज्यादा गाय है। रोजाना गायों की साफ-सफाई और उन्हें नहलाना, चारा खिलाना और बाद में गायों का दूध निकालकर उसे बेचना इन परिवारों के जीवन का एक हिस्सा बन गया है। एक ऐसा ही परिवार है पामलाखेड़ी निवासी हाजी अब्दुल अलीम का। 79 वर्षीय अलीम के परिवार में आठ गाय है। 
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पूरा परिवार दिन-रात गायों की सार संभाल में जुटा रहता है। अब्दुल अलीम की माने तो वो बीस साल की उम्र से गायों की सार संभाल कर रहे हैं। गायों का पौष्टिक दूध पीकर बड़े हुए और इस उम्र में भी वो खेत-खलिहानों का काम कर लेते हैं।
बन रही मददगार

परिवार के युवक मोहम्मद नासिर ने बताया कि गायों के दूध से परिवार में थोड़ी आर्थिक मदद भी मिल जाती है। घर में काम आने लायक दूध रखते हैं और शेष को बेच देते हैं। चारे की कमी ना आए इसके लिए अपने खेत पर ही हरा चारा उगा रखा है। दिनभर सभी गाय यहां चरती रहती है। बारिश में गायों को परेशानी ना हो इसके लिए अभी खेत में ही छाया स्थल बना रहे है। गौ पालन अब इनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। 
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