scriptकोटा में हवा ही नहीं पानी भी हो रहा जहरीला, यह है कारण… | Nantha Terraining Ground is spoiling the environment | Patrika News

कोटा में हवा ही नहीं पानी भी हो रहा जहरीला, यह है कारण…

locationकोटाPublished: Nov 10, 2018 01:14:43 pm

Submitted by:

Dhirendra

नान्ता टे्रंचिंग ग्राउंड वातावरण कर रहा दूषित, इंसान तो दूर जानवरों के रहने लायक हालात नहीं पूरे इलाके में

Nanta terchaning ground

नान्ता टे्रंचिंग ग्राउंड

कोटा. नान्ता टे्रंचिंग ग्राउंड शहर की आबोहवा में धड़ल्ले से जहर घोल रहा है। कूड़े का सलीके से निस्तारण नहीं होने से शहर की आबोहवा में इस कदर जहर घुल रहा कि आसपास के इलाके में इंसान तो दूर जानवरों के रहने लायक हालात नहीं बचे हैं। बेतरतीब तरीके से फेंके जा रहे कूड़े का अंबार हवा ही नहीं पानी को भी जहरीला बना रहा है। जो बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट होने वाले वन्य जीवों के लिए खासी मुसीबत साबित होगा।
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ट्रेंचिंग ग्राउंड में अक्सर आग लगने से उठने वाले धुएं, बदबू और गंदगी के गुबार से परेशान नान्ता से लेकर कुन्हाड़ी तक के लोगों ने आरएसपीसीबी के दफ्तर में शिकायतों का अंबार लगा दिया। बोर्ड ने प्रदूषण के स्तर का आंकलन करने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड और नान्ता इलाके से इसी वर्ष 9 मार्च को भूमिगत जल और 9 व 28 मार्च को हवा के नमूने लिए। जिसकी रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि इलाके के हालात बेहद बदतर है।
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हवा में घुला जहर
शहर से रोजाना निकलने वाले 551 मेट्रिक टन कूड़े की छंटनी किए बगैर निगम उसे ट्रेचिंग ग्राउंड पर फेंक देता है। कूड़े के समुचित निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं होने के कारण ढेर में मीथेन गैस पैदा होने लगती है, जो तापमान बढ़ते ही आग पकड़ लेती है और पूरा इलाका जहरीले धुएं की चपेट में आ जाता है। कूड़े के संक्रमित कण हवा के साथ उड़कर लोगों की सांसों में जहर घोल रहे हैं। जांच के दौरान आरएसपीसीबी को ट्रेंचिंग ग्राउंड के आसपास की हवा में खतरनाक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10) की मात्रा मानकों से नौ गुना ज्यादा मिली।
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पानी की कठोरता तिगुनी से भी ज्यादा
ट्रेंचिंग ग्राउंड में 16 साल से सड़ रहे कूड़े का जहर अब भूमिगत जल श्रोतों में भी घुलने लगा है। जिसके चलते पानी की कठोरता तय मानकों से तिगुनी से भी ज्यादा हो गई है। नतीजन, इस इलाके का पानी इंसान तो दूर जानवरों के पीने लायक भी नहीं बचा है। पानी की गुणवत्ता इस कदर खराब हो चुकी है कि इससे कपड़े धोना तो दूर फर्श और गाड़ी तक साफ नहीं की जा सकती। भूमिगत जल में तिगुनी से ज्यादा हो चुकी लवणता नमक जैसी सफेद पर्त जमा देती है। टीडीएस, क्लोराइड और केल्सियम की मात्रा भी जानलेवा स्तर तक जा पहुंची है।
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स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद नान्ता ट्रेंचिंग ग्राउंड और बायोलॉजिकल गार्डन के साथ-साथ आसपास के इलाकों से मार्च में हवा और पानी के नमूने लिए थे। जिनसे हवा और पानी के काफी प्रदूषित होने की रिपोर्ट आई थी। इसी के बाद नगर निगम को नान्ता मानकों के मुताबिक कूड़े के निस्तारण का नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद भी कार्रवाई न होने पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मुख्यालय को सिफारिश की गई।
अमित शर्मा, तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोटा
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